JNU Students Protest, JNU Violence: कांग्रेस नेता शशि थरूर ने ट्विटर पर एक वीडियो पोस्ट किया है। इस वीडियो में कुछ महिलाएं और पुरुष हाथों में तिरंगा लेकर सड़क पर यात्रा निकालती नजर आ रही हैं। इस बीच वहां पुलिस हाथ में डंडे लेकर पहुंचती है औऱ अचानक ऊपर लाठीचार्ज शुरू कर देती है। वीडियो में नजर आ रहा है कि एक पुलिस अधिकारी गाड़ी से वहां पहुंचता है और हाथ में लाठी लेकर अचानक यात्रा में शामिल पुरुषों की पिटाई शुरू कर देता है। इस दौरान सड़क पर थोड़ी देर के लिए अफरातफऱी की स्थिति भी बन जाती है। यह वीडियो हैदराबाद में नागरिकता संशोधन कानून और एनआऱसी के खिलाफ निकाली गई एक तिरंगा यात्रा की है। इस वीडियो को पोस्ट करते हुए शशि थरूर ने लिखा है कि ‘यह चौंकाने वाला है। प्रजातंत्र में हम शांतिपूर्वक प्रदर्शन करने का हमारा अधिकार है। शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर पुलिस कैसे लाठी भांज सकती है?
This is shocking. Last I heard we were still a democracy, with the right of peaceful protest. How can a police officer assault peaceful protestors with impunity in Hyderabad? @hydcitypolice @KTRTRS https://t.co/1c2QGbXOiX
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 12, 2020
शशि थरूर के इस ट्विटर पोस्ट को देखने और पढ़ने के बाद कई ट्विटर यूजर्स ने इसपर अपनी प्रतिक्रिया दी है। कई लोगों ने शशि थरूर का समर्थन किया है तो कई लोगों ने इसपर सवाल भी उठाए हैं। एक यूजर ने लिखा कि ‘पुलिस वाले को बर्खास्त करना चाहिए और उसे जनता से माफी मांगनी चाहिए।’ कैलाश मिरानी नाम के एक यूजर ने लिखा कि ‘तेलंगाना में सरकार किसकी है थरूर साहब? केसीआर की। उसको समर्थन देने वाली पार्टी कौन सी है थरूर साहब? एआईएमआईएम! हैदराबाद से सांसद कौन है थरूर साहब? एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी। प्रोटेस्ट क्यों हो रहा है थरूर साहब? विडीयो बनाकर सोशल मीडिया पर डालने के लिए। फायदा ? खबरों में रहेंगे’….वीरेंद्र सिंह रावत नाम के एक यूजर ने लिखा कि ‘क्या आप वहां मौजूद थे…आपको कैसा पता चला कि यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण था।?’
नागरिकता कानून को लेकर दिल्ली, यूपी, पश्चिम बंगाल, हैदराबाद और असम समेत कई अन्य राज्यों में प्रदर्शन हो चुके हैं। कई जगहों पर यह प्रदर्शन हिंसा में तब्दील हुए औऱ पुलिस ने हिंसा को काबू करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया है।
पुलिस की कार्रवाई कई जगहों पर सवालों के घेरे में आ चुकी है। हालांकि पुलिस अब तक यहीं कहती रही है कि उसने सिर्फ भीड़ की हिंसा को काबू करने के लिए ही लाठीचार्ज का सहारा लिया है।