कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने दिल्ली में दलितों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की निंदा की है। पार्टी महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश मामलों की प्रभारी प्रियंका ने ट्वीट कर दलितों पर लाठीचार्ज के लिए भाजपा सरकार की आलोचना की।

प्रियंका ने ट्वीट में लिखा, ‘भाजपा सरकार पहले करोड़ों दलित बहनों-भाइयों की सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक रविदास मंदिर स्थल से खिलवाड़ करती है और जब देश की राजधानी में हजारों दलित भाई-बहन अपनी आवाज़ उठाते हैं तो भाजपा उन पर लाठी बरसाती है, आंसू गैस चलवाती है, गिरफ़्तार करती है।’

प्रियंका ने कहा कि दलितों की आवाज़ का ये अपमान बर्दाश्त से बाहर है। यह एक जज़्बाती मामला है उनकी आवाज का आदर होना चाहिए। मालूम हो कि दिल्ली के तुगलकाबाद में 10 अगस्त को डीडीए की तरफ से संत रविदास का मंदिर तोड़ दिया गया था। इस मंदिर को तोड़े जाने के विरोध में बुधवार को दिल्ली में दलित समाज के लिए ने भारी संख्या में एकत्रित होकर विरोध प्रदर्शन किया था।

इस आंदोलन में दलित समुदाय के नेता व भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर और दिल्ली सरकार में मंत्री राजेंद्र पाल गौतम भी शामिल हुए थे। रिपोर्ट के अनुसार जय भीम, जय गुरु रविदास के नारे लगाते हुए बड़ी संख्या में दलित समुदाय के लिए हाथों में नीले झंडे लिए हुए राजधानी के रामलीला मैदान पहुंचे थे। इस विरोध प्रदर्शन में दिल्ली के साथ ही पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से भी दलित समुदाय के लोग शामिल हुए थे।

प्रदर्शनकारियों की मांग है कि उनके समुदाय की भावनाओं का सम्मान करते हुए सरकार फिर से इस मंदिर को बनवाए। मंदिर का यह मामला सुप्रीम कोर्ट में भी पहुंचा था। अदालत ने इस संबंध में कहा था कि गुरु रविदास जयंती समारोह समिति ने जंगल में स्थित इस स्थान को खाली नहीं कर कोर्ट के आदेश की अवहेलना की है। अदालत का कहना था कि उसके फैसले को राजनीतिक नजरिये से नहीं देखा जाना चाहिए।

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इससे पहले कांग्रेस की अखिल भारतीय महिला कांग्रेस की अध्यक्ष सुष्मिता देव ने भी प्रियंका की बात का समर्थन किया। सुष्मिता देव ने ट्वीट कर कहा, ‘संत रविदास मंदिर को तोड़ने के घटना यह सिद्ध करती है कि ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात करनेवाले @narendramodi दलितों के साथ असमानता, अन्याय और भेदभाव वाला व्यवहार रखते हैं। 80 दलितों की गिरफ्तारी दलित अधिकार के लिए उठती हर आवाज को दबाने की कोशिश है।’