कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) को संविधान की मूल आत्मा के खिलाफ करार दिया। उन्होंने कहा “बीजेपी सरकार जैसे नोटबंदी के वक्त गरीबों को लाइन में खड़ा की थी, अब एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून के नाम पर लोगों को लाइन में खड़ा करेगी। इसके लिए सरकार एक कट ऑफ डेट तय करेेगी और हर एक भारतीय से अपनी भारतीयता सिद्ध करने के लिए उस डेट के पहले का कोई मान्य दस्तावेज पेश करने को कहेगी। इसमें ज्यादातर गरीब और वंचित लोग प्रताड़ित किए जाएंगे।”

सरकार पर तानाशाही का आरोप प्रियंका ने जनता की आवाज दबाने के लिए सरकार पर तानाशाही का तांडव करने का आरोप लगाया। कहा कि नागरिकता कानून और एनआरसी के नाम पर गरीब लोगों को प्रताड़ित किया जाएगा। उन्होंने सरकार को चेतावनी दी कि “किसी भी कीमत पर बाबा साहेब अंबेडकर के संविधान पर हमला नहीं होने दिया जाएगा। जनता इसके खिलाफ सड़क पर आंदोलन कर रही है और सरकार बर्बर दमन और हिंसा पर उतारू है।”

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कहा बुद्धिजीवियों की गिरफ्तारी लोकतंत्र के लिए कलंक शनिवार को उन्होंने कहा “देश के तमाम हिस्सों से छात्रों, बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, वकीलों और पत्रकारों की अवैध रूप से गिरफ्तारियां बहुत दुखद और निंदनीय है। पूरे देश समेत उत्तर प्रदेश के हर जिले से लोगों को गिरफ्तार करके पुलिस कहां ले जा रही है, किसी को पता नहीं है। यह लोकतंत्र के लिए काला दिन है।” प्रियंका गांधी ने कहा कि लोगों को इस बारे में सोचना होगा।

बोलीं-कांग्रेस पार्टी शांति की अपील करती है : प्रियंका ने दावा किया कि ‘उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दो दिन से कई सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ताओं को पुलिस अवैध हिरासत में रखी हुई है। उनके परिजनों को उनकी गिरफ्तारी की कोई खबर नहीं दी गयी। मीडिया के माध्यम से दिल दहला देने वाली खबर मिल रही है कि उनको पुलिस हिरासत में मारा पीटा जा रहा है।’ उन्होंने कहा कांग्रेस पार्टी शांति और सौहार्द बनाने की अपील करती है।