कृषि कानून की वापसी के ऐलान के बाद भाजपा सांसद वरुण गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर लखीमपुर खीरी हिंसा को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के खिलाफ ऐक्शन लेने की मांग की है। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय दिलाने और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को बर्खास्त करने की मांग की है। साथ ही उन्होंने देश भर में किसानों के खिलाफ हुए मुकदमों को वापस लेने की मांग की है और कहा कि सभी शहीद किसानों के परिवारों को आर्थिक सहायता दी जाए।
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में कहा कि वरिष्ठ पदों पर बैठे कई नेताओं ने हमारे आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ भड़काऊ बयान दिया है। भड़काऊ बयानों और किसान आंदोलन को लेकर बनाए गए प्रतिकूल माहौल का ही नतीजा है कि 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी में हमारे पांच किसान भाइयों को वाहनों से कुचल कर मार डाला गया। यह दिल दहला देने वाली घटना हमारे लोकतंत्र पर एक कलंक है। मेरा आपसे अनुरोध है कि इस घटना से जुड़े केंद्रीय मंत्री के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए ताकि निष्पक्ष जांच हो सके।
इसी बीच शनिवार को प्रधानमंत्री मोदी लखनऊ में हैं। इस दौरान वे देश के सभी राज्यों के डीजीपी के साथ बातचीत करेंगे। डीजीपी सम्मेलन में लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपी के पिता व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के शामिल होने की भी संभावना है। इसी को लेकर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी प्रधानमंत्री मोदी से अजय मिश्र के साथ मंच साझा नहीं करने और उन्हें बर्खास्त करने की मांग की है।
प्रधानमंत्री मोदी को लिखे पत्र में प्रियंका गांधी ने कहा कि लखीमपुर किसान नरसंहार में अन्नदाताओं के साथ हुई क्रूरता को पूरे देश ने देखा। आपको यह जानकारी भी है कि किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलने का मुख्य आरोपी आपकी सरकार के केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा है। उत्तर प्रदेश सरकार ने राजनीतिक दबाव के चलते इस मामले में शुरुआत से ही न्याय की आवाज को दबाने की कोशिश की। साथ ही उन्होंने लिखा कि सभी परिवारों का कहना है कि वे सिर्फ अपने शहीद परिजनों के लिए न्याय चाहते हैं और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर बने रहते हुए उन्हें न्याय की कोई आस नहीं है।
आगे कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने लिखा कि आप देश के प्रधानमंत्री हैं। आप देश के किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह से समझते होंगे। देशवासियों को संबोधित करते हुए आपने कल कहा कि किसानों के हित को देखते हुए सच्चे मन और पवित्र ह्रदय से कृषि क़ानूनों को वापस लेने का अभूतपूर्व निर्णय लिया गया है। आपने यह भी कहा कि देश के किसानों के प्रति आप नेकनीयत रखते हैं। यदि यह सत्य है तो लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में पीड़ितों को न्याय दिलाना भी आपके लिए सर्वोपरि होना चाहिए।
इसके अलावा प्रियंका गांधी ने लिखा कि लेकिन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी अब भी आपके मंत्रिमंडल में अपने पद पर बने हुए हैं। यदि आप इस कांफ्रेंस में आरोपी के पिता के साथ मंच साझा करते हैं तो पीड़ित परिवारों को स्पष्ट संदेश जाएगा कि आप अब भी कातिलों का संरक्षण करने वालों के साथ खड़े हैं। यह किसान सत्याग्रह में शहीद 700 से अधिक किसानों का घोर अपमान होगा। अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नीयत सचमुच साफ है तो आज केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के साथ मंच साझा नहीं कीजिए और उन्हें बर्खास्त कीजिए। साथ ही उन्होंने लिखा कि देश भर में किसानों पर हुए मुक़दमों को वापस लीजिए और सभी शहीद किसानों के परिवारों को आर्थिक सहायता दीजिए।
गौरतलब है कि 3 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे ने कथित रूप से प्रदर्शनकारी किसानों पर गाड़ी चढ़ा दी थी। इस हिंसक घटना में आठ लोगों की मौत हो गई थी। इनमें 4 किसान, 3 भाजपा कार्यकर्ता और एक पत्रकार शामिल थे। इस मामले में आशीष मिश्र और उसके दो सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया है।