Rafale Deal: राफेल मामले में केंद्र की मोदी सरकार ने यू-टर्न ले लिया। बीते बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सरकार का पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल ने कहा था कि लड़ाकू विमान के सौदे से जुड़े दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से गायब हो गए। अपने इस बयान के ठीक दो दिन बाद अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने शुक्रवार को दावा किया कि राफेल दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चुराए नहीं गए। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय में उनकी बात का मतलब यह था कि याचिकाकर्ताओं ने आवेदन में उन ‘‘मूल कागजात की फोटोकॉपियों’’ का इस्तेमाल किया जिसे सरकार ने गोपनीय माना है। राफेल को लेकर सरकार के दो विरोधाभाषी जवाब पर कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने तंज किया है। उन्होंने कहा कि ‘बुधवार को कागजात चोरी हुए, शुक्रवार को फोटोकॉपी’, बीच में चोरों ने वापस कर दिया होगा।

पी. चिदंबरम ने ट्वीट कर कहा, “बुधवार को ये ‘चोरी के दस्तावेज’ थे। शुक्रवार को ये ‘फोटोकॉपी दस्तावेज’ थे। मुझे लगता है कि चोरों ने गुरुवार को दस्तावेज वापस कर दिए होंगे।” कांग्रेस नेता ने आगे कहा, “बुधवार को ऑफिशियल सेक्रेट एक्ट अखबारों को दिखाया गया था। शुक्रवार को ओलिव ब्रांचेज एक्ट दिखाया गया। हम उनकी समझदारी को सलाम करते हैं।”

दरअसल, बुधवार को वेणुगोपाल ने कहा था कि राफेल दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए थे। सरकार ने ‘द हिन्दू’ अखबार को इन दस्तावेजों के आधार पर लेख प्रकाशित करने पर गोपनीयता कानून के तहत मामला दर्ज करने की चेतावनी भी दी थी। उनकी इस टिप्पणी से राजनीतिक भूचाल आ गया था। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संवेदनशील दस्तावेज के चोरी होने को लेकर सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए।

वहीं, शुक्रवार को अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने दावा किया कि राफेल दस्तावेज रक्षा मंत्रालय से चुराए नहीं गये और उच्चतम न्यायालय में उनकी बात का मतलब यह था कि याचिकाकर्ताओं ने आवेदन में उन ‘‘मूल कागजात की फोटोकॉपियों’’ का इस्तेमाल किया जिसे सरकार ने गोपनीय माना है। वेणुगोपाल ने परोक्ष रूप से स्थिति को संभालने का प्रयास करते हुए कहा, ‘‘मुझे बताया गया कि विपक्ष ने आरोप लगाया है कि (उच्चतम न्यायालय में) दलील दी गई कि फाइलें रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गईं। यह पूरी तरह से गलत है। यह बयान कि फाइलें चोरी हो गई हैं, पूरी तरह से गलत है।’’

वेणुगोपाल ने कहा कि राफेल सौदे की जांच का अनुरोध ठुकराने के शीर्ष अदालत के आदेश पर पुर्निवचार की मांग वाली यशवंत सिन्हा, अरुण शौरी और प्रशांत भूषण की याचिका में ऐसे तीन दस्तावेजों को नत्थी किया गया है जो असली दस्तावेजों की फोटो कॉपी हैं। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि अटॉर्नी जनरल द्वारा ‘चोरी’ शब्द का इस्तेमाल संभवत: ‘‘ज्यादा सख्त’’ था और इससे बचा जा सकता था। (एजेंसी इनपुट के साथ)