चार राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश के चुनाव नतीजे आने के बाद राजनीतिक दलों ने इनकी समीक्षा शुरू कर दी है। इसी कड़ी में कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल का भी बयान आया है। सिब्बल ने कहा है कि बंगाल में एक भी सीट न जीत पाने और असम-केरल में कांग्रेस के फेल हो जाने के बाद अब पार्टी के खराब प्रदर्शन की पड़ताल की जानी चाहिए।
सिब्बल ने न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा, “कांग्रेस ने हालिया विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन नहीं किया। पार्टी असम और केरल में असफल रही। हम बंगाल में एक भी सीट नहीं जीत पाए। अब जब पार्टी में आवाज उठाई जा रही हैं, तो इस पराजय की वजहों की भी समीक्षा की जानी चाहिए।”
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि वे इस मुद्दे पर ज्यादा नहीं बोलेंगे और सही समय आने पर बयान देंगे। हम सिर्फ अपने विचार रख रहे हैं। आज सभी पार्टियों को साथ आकर कोरोनावायरस से लोगों की जान बचाने के लिए काम करना चाहिए। देश में COVID-19 स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि पीएम को यह कहना चाहिए कि हम महामारी के खिलाफ इस संघर्ष को जीतेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव अलग बात है लेकिन यह जीवन और मृत्यु की लड़ाई है।
जब सिब्बल से पूछा गया कि कांग्रेस के नेता ममता बनर्जी को झांसी की रानी क्यों कह रहे हैं? तो उन्होंने जवाब में कहा, “जब पीएम 2019 का लोकसभा चुनाव जीते थे, तो हमने उन्हें बधाई दी थी। उन्हें तो झांसी की रानी नहीं कहा जा सकता था। वह गोलायथ (वीर लड़ाके) थे। हमें जीतने वाले नेताओं को बधाई देनी चाहिए। केंद्र ने जीत के लिए सब कुछ किया और चुनाव आयोग ने मदद की। इसके बावजूद, अगर ममता बनर्जी दो तिहाई बहुमत से चुनाव जीतती हैं तो तो उन्हें झांसी की रानी कहा जाना चाहिए।”
बता दें कि कपिल सिब्बल कांग्रेस में उस विद्रोही जी-23 गुट का हिस्सा हैं, जिन्होंने पिछले साल अगस्त में सोनिया गांधी को एक पत्र में संगठनात्मक सुधार के लिए कहा था। इस गुट में उनके साथ पार्टी के अन्य नेता मनीष तिवारी, गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा भी शामिल हैं। इन सभी नेताओं ने बंगाल चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए ममता बनर्जी को बधाई दी है।