कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा है कि उन्हें मध्य प्रदेश का सीएम नहीं बनाए जाने का कोई मलाल नहीं है। सिंधिया ने कहा कि उन्होंने पार्टी आलाकमान के हर उस फैसले को स्वीकार किया है जो उन्हें कहा गया था। एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “जीवन में यह महत्वपूर्ण है कि आप जो भी प्रचार करते हैं, उसका अभ्यास करें और मैंने कहा था कि मैं इस मामले में कांग्रेस हाई कमान के फैसले के साथ जाऊंगा।” सिंधिया ने कहा कि जब हाई कमान की तरफ से कमलनाथ जी को मध्य प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाए जाने का फैसला हुआ तो उन्होंने कोई विरोध नहीं किया।
सिंधिया से जब पूछा गया कि अगर आपको उप मुख्यमंत्री का पद ऑफर किया जाता है तो आप क्या करेंगे? इस पर उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। हालांकि उन्होंने कहा, “मैं यह नहीं कह सकता हूं। मैं पहले से ही संसद में अपनी पार्टी का मुख्य सचेतक हूं और पार्टी नेतृत्व तय करेगा कि मुझे कुछ और जिम्मेदारी दी जानी चाहिए या नहीं।” उन्होंने कहा, “व्यक्तिगत तौर पर आप सिर्फ आस्तीन ही ऊपर चढ़ा सकते हैं और कुछ हद तक गर्मी से राहत महसूस कर सकते हैं और पार्टी की ताकत बढ़ा सकते हैं।”
सिंधिया उस सवाल को भी टाल गए कि कैसे कमलनाथ को सीएम बनाया गया और उन्हें राहुल ने कैसे मनाया? सिंधिया ने कहा कि सीएम बनाने में उम्र और अनुभव कोई फैक्टर नहीं था। उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि क्षमता महत्वपूर्ण कारक है, उम्र या अनुभव नहीं।” उन्होंने कहा, “मेरे पिता को भी किसी तरह के पद की लालसा नहीं थी, मुझे भी किसी पद की भूख नहीं है।”
सिंधिया ने कहा कि इस समय कांग्रेस के लिए आराम करना सबसे बुरा होगा। उन्होंने कहा, “सबसे बड़ा नुकसान यह है कि जब आप सोचते हैं कि हर चुनाव में ऐसा ही होने वाला है। देखिए बीजेपी के साथ क्या हुआ… उन्होंने सोचा था कि वे इतने शक्तिशाली हैं लेकिन हमने हिंदी पट्टी तीन राज्यों को जीत लिया।” सिंधिया ने कहा, “2013 में जो नरेंद्र मोदी थे वो 2018 में नहीं हैं। आप कुछ लोगों को कुछ दिन के लिए मूर्ख बना सकते हैं, आप सभी लोगों को कुछ दिन मूर्ख बना सकते हैं लेकिन सभी लोगों को हमेशा मूर्ख नहीं बना सकते।” उन्होंने कहा कि लोग मोदी जी के जुमलों और झूठे वादों से ऊब चुके हैं। उन्होंने कहा कि उनकी अगली भूमिका विपक्ष को भाजपा के खिलाफ लामबंद करने की होगी।