कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार और किसान संगठनों के बीच विवाद सुलझने का नाम नहीं ले रहा है। जहां किसान संगठन सरकार से तीनों कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं, वहीं सरकार इससे इनकार करती रही है। इस बीच विपक्षी दल किसानों की मांगों को जायज ठहराते हुए उनके साथ खड़े होने का दावा कर रहे हैं। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बुधवार को मोदी-शाह की जोड़ी पर तंज कसा और किसान आंदोलन के केंद्र बने सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर इंटरनेट बंद करने के फैसले पर सवाल उठाए।
क्या कहा दिग्विजय सिंह ने?: दिग्विजय सिंह ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा, “मोदीशाह जी को अब अटल जी अडवाणी जी जैसे लोकतंत्र में विश्वास रखने वालों के विचारों से कोई सरोकार नहीं है। पहले केवल कश्मीर घाटी में इंटरनेट सेवाएं रोकी जाती थीं अब घाटी से उतर कर हरियाणा तक यह रोग आ गया है।”
बता दें कि 26 जनवरी को ट्रैक्टर रैली के दौरान दिल्ली में हुई हिंसा के बाद से सिंघु, गाजीपुर और टिकरी बॉर्डर पर कई बार इंटरनेट बंद किया जा चुका है। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पहले 31 जनवरी रात 11 बजे तक इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगाई थी, इसके बाद इस रोक को बढ़ाकर 2 फरवरी तक कर दिया गया था। तब माना जा रहा था कि केंद्र सरकार ने भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत का रोने वाला वीडियो वायरल होने और गलत जानकारी का प्रसार रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं पर प्रतिबंध लगाया है।
‘इंटरनेट बंदी से नहीं बन पाएगा बातचीत लायक माहौल’: गौरतलब है कि कृषि कानूनों का विरोध करने वाले किसान संगठनों की एक संयुक्त संस्था, संयुक्त किसान मोर्चा के नेता जोगिंदर सिंह उग्राहा ने गाजीपुर बॉर्डर पर कहा कि दिल्ली के बाहरी इलाकों में निरंतर इंटरनेट को निलंबित करने, विरोध स्थलों के आसपास भारी बैरिकेडिंग और कंटीले तार लगाने से बातचीत के लिए अनुकूल माहौल नहीं बन पाएगा। इससे पहले किसान आंदोलन स्थलों के निकट क्षेत्रों में इंटरनेट पर प्रतिबंध के विरोध में गांव खटकड़ टोल प्लाजा के जींद-पटियाला राष्ट्रीय राजमार्ग पर तथा गांव बद्दोवाला टोल प्लाजा के हिसार-चंडीगढ़ मार्ग पर किसानों ने जाम लगा दिया। दोनों स्थानों पर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम किए जाने के चलते वाहनों को दूसरे रास्तों पर मोड़ दिया गया।