पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इसको लेकर जहां भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा को भाजपा ने पार्टी से निलंबित कर दिया है तो वहीं अब AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी को भी भड़काऊ बयान देना महंगा पड़ गया है। उनपर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।

वहीं इस मुद्दे पर न्यूज चैनलों पर टीवी डिबेट भी काफी देखी जा रही है। एक निजी न्यूज चैनल में स्वामी यति नरसिम्हानंद और ओवैसी पर हुए एफआईआर को लेकर डिबेट में कांग्रेस के प्रवक्ता आलोक शर्मा ने सांकेतिक तौर पर एक पोस्टर के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ अपना विरोध जाहिर किया।

आलोक शर्मा ने एक पोस्टर में दिखाया, जिसमें ‘PM/HM’ लिखा था। उन्होंने कहा, “इतनी बड़ी घटना के बाद भी पीएम मोदी और अमित शाह अपना मुंह सिले हुए हैं। इतने कमजोर प्रधानमंत्री और गृह मंत्री इससे पहले कभी नहीं हुए।”

आलोक शर्मा ने कहा, “देश के पीएम और गृह मंत्री एक प्रेस कांफ्रेंस कर बयान दें। देश में इतने कमजोर प्रधानमंत्री इससे पहले कभी नहीं हुए जो इतनी बड़ी घटना पर अपने होंठ सिले हुए हैं और अपने आप को 56 इंच का सीना, चाणक्य और पता नहीं क्या-क्या कह रहे हैं।”

आलोक शर्मा ने नूपुर शर्मा के विवादित बयान देने को लेकर कहा, “आज से पांच साल पहले मैंने जी न्यूज पर नूपुर शर्मा को समझाया था कि जहर उगलता बंद कर दो। मेरी छोटी बहन की तरह हो। लेकिन इनको पूरी सरपरस्ती ऊपर से मिलती है। कांग्रेस नेता ने मोदी सरकार में मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति के एक बयान पर निशाना साधते हुए कहा, “जिन लोगों ने दिल्ली में रामजादे और हरामजादे का बयान दिया, उन्हें मोदी सरकार में मंत्री बना दिया गया।”

आलोक शर्मा ने अपनी बात रखते हुए कहा कि जिन-जिन लोगों ने देश में वैमनस्य फैलाया, पीएम मोदी ने उन लोगों को ट्विटर पर फॉलो किया। इससे उनका मनोबल बढ़ता चला गया। उन्होंने कहा कि एक तरफ इनके(भाजपा के) पार्टनर ओवैसी लगे हुए हैं, और दूसरी तरफ भाजपा के लोग लगे हुए हैं। इन लोगों पर हुई एफआईआर पर मैं कहूंगा कि नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।

बता दें कि भड़काऊ बयान को लेकर सरकार सख्त नजर आ रही है। वहीं गुरुवार को दिल्ली पुलिस ने नफरत फैलाने और धार्मिक भावनाओं को आहत करने को लेकर दो एफआईआर दर्ज की। एक में नुपुर शर्मा आरोपी है तो वहीं दूसरे एफआईआर में असदुद्दीन ओवैसी और यति नरसिंहानंद समेत 31 लोगों को नामज़द किया गया है।