भारतीय जनता पार्टी अगले साल होने वाले उत्तर प्रदेश चुनाव के लिए अभी से तैयारी में जुट गई है। इसके लिए केंद्र सरकार ने भी राज्य की राजनीतिक स्थिति का ब्योरा लेना शुरू कर दिया है। इन हलचलों के बीच हाल ही में यह चर्चा उठी है कि केंद्रीय नेतृत्व यूपी चुनाव में सीएम योगी आदित्यनाथ का चेहरा बदलने या पीछे रखकर चुनाव लड़ने पर विचार कर रहा है। इस पर अब तक सिर्फ अटकलें ही लगाई जा रही हैं। हालांकि, कांग्रेस के समर्थक आचार्य प्रमोद ने साफ कर दिया है कि मोदी कभी भी हिंदुत्व के चेहरे योगी आदित्यनाथ को हटाने की गलती नहीं करेंगे।

क्या बोले आचार्य प्रमोद?: कांग्रेस को चुनाव से जुड़े कई मुद्दों पर सलाह दे चुके आचार्य प्रमोद ने एक वीडियो संदेश के जरिए कहा, “ये योगी आदित्यनाथ हिंदुत्व का एक बहुत बड़ा चेहरा हैं और इस देश को हिंदू राष्ट्र बनाने की तैयारी हो रही है। इन हालात में जब पूरा देश धर्म और राष्ट्रवाद की ज्वाला में धधक रहा है, तब नरेंद्र मोदी योगी आदित्यनाथ को कमजोर करने की या हटाने की गलती कभी नहीं करेंगे।”

उन्होंने आगे कहा, “भाजपा हाईकमान ने जो फैसला लिया है कि अगला चुनाव उत्तर प्रदेश में योगी जी के नेतृत्व में होगा, तो यह बात साफ हो जाती है कि यूपी का होने वाला चुनाव मुद्दों पर नहीं होगा। धर्म के नाम पर होगा।”

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कांग्रेस समर्थक होने के बावजूद इस तरह का बयान दिया है। इससे पहले उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि अगर पार्टी की कार्यशैली इसी तरह चली तो 2024 में फिर मोदी ही जीतंगे। उन्होंने कहा था कि संघ और भाजपा कांग्रेस को मुस्लिम पार्टी घोषित करने में जुटे हैं और दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से कांग्रेस उसी राह पर आगे बढ़ रही है।

जमीनी हकीकत जानने के लिए केंद्र लगातार यूपी में भेज रहा बड़े नेता: यूपी में अगले साल चुनाव के मद्देनजर भाजपा ने राज्य को जीतने पर नजर गढ़ा दी हैं। यह कहना भी गलत न होगा कि कोरोना ने सत्ताधारी होने के कारण भाजपा की छवि को ही सर्वाधिक नुकसान किया है। भाजपा चिंतित है। वह जमीनी हकीकत जानने के लिए एक के बाद दूसरा पर्यवेक्षक लखनऊ भेज रही है।

यूपी में पहले जमीनी हकीकत जानने के लिए संघ में नम्बर दो की हैसियत रखने वाले दत्तात्रेय होसबोले आए थे। फिर राष्ट्रीय महासचिव बीएएल संतोष और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राधामोहन सिंह एक साथ आ पहुंचे और एक-दो नहीं पूरे तीन दिन तक मंत्रियों, पदाधिकारियों और असंतुष्टों से मुलाकात करते रहे। माना जा रहा है कि संतोष और राधामोहन यूपी की स्थिति पर अपनी रिपोर्ट भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को सौंपेंगे। इसके बाद यहां संगठन में कुछ बदलाव हो सकते हैं।