Congress Leader Pramod Krishnam: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने अपनी पार्टी में भगवान राम को लेकर कुछ लोगों के मन में घृणा होने की बात कही है। उन्होंने शुक्रवार को गाजियाबाद में कहा, “मैंने महसूस किया है कि कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता हैं जो भगवान राम से नफरत करते हैं। ये नेता ‘हिंदू’ शब्द से भी नफरत करते हैं, वे हिंदू धार्मिक गुरुओं का अपमान करना चाहते हैं। उन्हें पसंद नहीं है कि पार्टी में एक हिंदू धार्मिक गुरु ऐसा होना चाहिए।”
राम मंदिर को रोकने के जो प्रयास हुए हैं उसे सारी दुनिया जानती है
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “…जो राम से नफरत करता हो वो हिंदू नहीं हो सकता… राम मंदिर को रोकने के जो प्रयास हुए हैं उसे सारी दुनिया जानती है… राम से नफरत कौन करता है और राम के प्रति श्रद्धा किसकी है? मुझे नहीं लगता कि इस रहस्य पर कोई परदा है… पार्टी का हिस्सा होने का मतलब ये नहीं है कि सच को सच और झूठ को झूठ न कहा जाए… मैंने महसूस किया है कि कांग्रेस में कुछ ऐसे नेता हैं जिन्हें राम मंदिर से ही नहीं राम से भी नफरत है…।”
स्टार प्रचारक नहीं बनाए जाने पर बोले- शायद पार्टी को हिंदुओं का साथ नहीं चाहिए
पार्टी स्टार प्रचारक की लिस्ट में नाम न होने पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, “नाराजगी का कोई कारण नहीं है। हो सकता है कांग्रेस को हिंदुओं के समर्थन की जरूरत ना हो या किसी हिंदू धर्म गुरु को स्टार प्रचारक बनाने का जो उद्देश्य होता है, उन्हें उसमें कोई कमी नजर आ रही हो। ये पार्टी का निर्णय है।”
कांग्रेस के कुछ नेताओं के मंदिरों में जाने और बीजेपी द्वारा उन पर धार्मिक पर्यटन का आरोप लगाए जाने पर पार्टी के आचार्य प्रमोद कृष्णम कहते हैं, “मंदिर जाने से कोई हिंदू नहीं बन जाता या सिर्फ मस्जिद में जाने से कोई मुसलमान नहीं बन जाता…।”
“मंदिर जाने से कोई हिंदू नहीं बन जाता या मस्जिद में जाने से मुसलमान नहीं बन जाता। जो ईसा मसीह में विश्वास नहीं करता, वह ईसाई नहीं हो सकता। उसी तरह, जो भगवान राम से नफरत करता है, वह हिंदू नहीं हो सकता। दुनिया जानती है कि राम मंदिर निर्माण को रोकने के प्रयासों ने सनातन धर्म में विश्वास करने वालों की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। इस तथ्य पर कोई पर्दा नहीं है कि भगवान राम से कौन प्रेम करता है या कौन घृणा करता है।”