सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब कर्नाटक की येदियुरेप्पा सरकार को शनिवार शाम 4 बजे तक बहुमत पेश करना होगा। जिसके बाद कर्नाटक में राजनैतिक गहमा-गहमी काफी बढ़ गई है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि फ्लोर टेस्ट के दौरान सीक्रेट बैलेट पेपर का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। वहीं कोर्ट ने एंग्लो इंडियन को मनोनीत करने पर भी फिलहाल रोक लगा दी है। इसके साथ-साथ सरकार बहुमत साबित होने तक पॉलिसी से जुड़ा कोई बड़ा फैसला भी नहीं कर सकेंगी। इसी बीच खबर आयी है कि कांग्रेस और जेडीएस के कई विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। जी न्यूज की एक खबर के अनुसार, कांग्रेस के 8, जेडीएस के 2 और एक निर्दलीय विधायक भाजपा के संपर्क में हैं। चूंकि 104 विधायक भाजपा के पास हैं, ऐसे में कांग्रेस, जेडीएस और निर्दलीय विधायकों को मिलाकर भाजपा बहुमत के लिए जरुरी 111 के जादुई आंकडे़ को छू लेगी। एचडी कुमारस्वामी के एक सीट छोड़ने के कारण कर्नाटक में कुल विधायकों की संख्या 221 हो गई है, ऐसे में बहुमत के लिए 111 विधायकों की जरुरत होगी।
दूसरी तरफ, यदि ऐसा होता है तो यहां दल-बदल विरोधी कानून का भी पेंच फंस सकता है। बता दें कि दल-बदल विरोधी कानून के तहत यदि कोई सदस्य पार्टी व्हिप के विरुद्ध मतदान करता है या किसी अन्य दल में चला जाता है तो उस विधायक की सदस्यता रद्द हो सकती है। हालांकि नियम यह भी कहते हैं कि यदि एक पार्टी के दो तिहाई सदस्य टूटकर दूसरी पार्टी को सपोर्ट करें, तो विधायकों की सदस्यता बच सकती है और उनका वोट वैध माना जाएगा, लेकिन कर्नाटक के हालात देखते हुए इसकी उम्मीद कम ही है कि कांग्रेस या जेडीएस के दो तिहाई सदस्य भाजपा को सपोर्ट करें। ऐसे में माना जा रहा है कि यदि कांग्रेस या जेडीएस का कोई विधायक, जो भाजपा को समर्थन देने वाला हो, वह सदन से गैरहाजिर भी रह सकता है, जिससे बहुमत का आंकड़ा बदल जाएगा और भाजपा आसानी से फ्लोर टेस्ट पास कर लेगी। अब यह देखने वाली बात होगी कि कल शाम होने वाले फ्लोर टेस्ट के दौरान क्या होता है? और भाजपा किस तरह अपना बहुमत पेश करती है। वहीं कांग्रेस और जेडीएस को अपनी किलेबंदी पर पूरा भरोसा है। जेडीएस के नेता जीटी देवगौड़ा का कहना है कि ‘100 करोड़ हो या 200 करोड़, हमारे विधायक हमारे साथ हैं। हमारा कोई भी सदस्य पार्टी के खिलाफ नहीं जाएगा। आज शाम या कल सुबह हम सभी लोग बेंगलुरु के लिए रवाना होंगे।’
कांग्रेस का दावा है कि उसके सारे विधायक उसके साथ हैं, लेकिन साथ ही उसके नेताओं द्वारा यह भी स्वीकार किया जा रहा है कि भाजपा द्वारा उनके विधायकों को अपने पाले में खींचने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस के एक विधायक आनंद सिंह फिलहाल लापता हैं और उनके भाजपा के साथ जाने की चर्चाएं हैं। इस मुद्दे पर कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद का कहना है कि ‘हमें ये मालूम है कि किस मंत्री (केन्द्रीय मंत्री) के द्वारा हमारे विधायक को फोन किया गया, बुलाया गया और बाद में पकड़ कर भी रखा गया है।’