छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव ज्यादा दूर नहीं हैं। कांग्रेस ने अपनी सरकार को बनाए रखने के लिए बड़ा दांव खेल दिया है। प्रदेश कांग्रेस और वर्कर्स के बीच कोई गफलत पैदा न हो, इसके लिए भूपेश बघेल के धुरविरोधी टीएस सिंह देव को डिप्टी सीएम का पद दिया गया है। प्रदेश कांग्रेस में संतुलन बिठाने के लिहाज से ये दांव खेला गया है।

कांग्रेस नेता टीएस सिंह देव को बुधवार को छत्तीसगढ़ का उपमुख्यमंत्री नियुक्त किया गया। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, “कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री के रूप में टीएस सिंह देव की नियुक्ति के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।”

वेणुगोपाल ने कहा, “वह एक वफादार कांग्रेस नेता और एक सक्षम प्रशासक हैं। डिप्टी सीएम के तौर पर उनकी सेवाओं से राज्य को काफी फायदा होगा. हमें विश्वास है कि छत्तीसगढ़ की जनता खड़गे जी और राहुल गांधी जी के नेतृत्व में प्रचंड बहुमत के साथ कांग्रेस को फिर से चुनेगी।”

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और टीएस सिंह देव के बीच पिछले कुछ समय से विवाद चल रहा है। टीएस देव के करीबी सूत्रों का दावा है कि 2018 में चुनाव जीत के समय पार्टी नेतृत्व, बघेल और सिंह देव के नेतृत्व में पांच साल के कार्यकाल को दो हिस्सों में बांटने पर सहमत हुआ था। हालांकि बघेल ने सार्वजनिक रूप से ऐसे किसी भी समझौते से इनकार किया है।

वर्चस्व को लेकर चल रही है रार

सीएम भूपेश बघेल और मंत्री टीएस सिंह देव में विवाद के पीछे वर्चस्व और अहम मुख्य है। दोनों नेता खुद को प्रमुखता पर रखना चाहते हैं, लेकिन भूपेश बघेल के दबाव के आगे टीएस सिंह देव की चल नहीं पा रही थी। चुनाव को देखते हुए कांग्रेस पार्टी किसी तरह का विवाद मोल लेना नहीं चाहती है। इसकी वजह से पार्टी के अंदर असंतोष को दूर करने के लिए केंद्रीय नेतृत्व ने टीएस सिंह देव को उपमुख्यमंत्री का पद देकर विवाद शांत करने की कोशिश की है।