Chhattisgarh Assembly: छत्तीसगढ़ विधानसभा में मानसून सत्र के दौरान भूपेश बघेल सरकार के खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। विधानसभा में विपक्ष की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव को ध्वनिमत से खारिज कर दिया गया। भाजपा ने अपने अविश्वास प्रस्ताव में भूपेश बघेल सरकार पर एक के बाद एक 109 आरोप लगाए थे। बीजेपी के लगाए गए आरोपों पर जब भूपेश बघेल ने जवाब देना शुरू किया तो बीजेपी विधायक सदन से बाहर चले गए। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव अस्वीकृत करते हुए विधानसभा की कार्यवाही को अनिश्चितकालीन के लिए स्थगित कर दिया।

राज्य विधानसभा की कार्यवाही 18 जुलाई से 21 जुलाई तक चली। सत्र के आखिरी दिन शुक्रवार को विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा शुरू हुई। राज्य विधानसभा में 13 घंटे की बहस के बाद देर रात एक बजे ध्वनि मत से अविश्वास प्रस्ताव गिर गया। बता दें, 90 सदस्यीय विधानसभा में जहां कांग्रेस के 71 सदस्य हैं, वहीं सदन में भाजपा के 13 विधायक हैं।

विपक्ष ने चुनावी वादे पूरा न करने का लगाया आरोप

सदन में अविश्वास प्रस्ताव पर तीखी बहस हुई। विपक्षी सदस्यों ने कथित घोटालों, अपने चुनावी वादों को पूरा न करने और कानून व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति को लेकर कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा। ट्रेजरी बेंच ने आरोपों को खारिज कर दिया और दावा किया कि विपक्ष कोई ठोस मुद्दा लाने में विफल रहा और उसकी चार्जशीट में तथ्यों का अभाव है।

‘नौजवानों ने सरकार के खिलाफ नग्न प्रदर्शन किया’

इस दौरान बीजेपी ने कांग्रेस सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ी। विधानसभा में पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने सरकार को घेरते हुए सदन में कहा कि गूंगी बहरी सरकार को सुनाने के लिए अंग्रेजों के शासनकाल में नौजवानों ने धमाका किया था। आज छत्तीसगढ़ में काले अंग्रेजों का शासन है। उन्हें जगाने के लिए प्रदेश के नौजवानों ने नग्न प्रदर्शन किया है, लेकिन ये सरकार अंग्रेजों से भी बदतर है, जो उन नौजवानों के खिलाफ अपराध दर्ज कर रही है।

अग्रवाल ने कहा कि सरकार में मुख्यमंत्री को मंत्री पर भरोसा नहीं है और मंत्री को मुख्यमंत्री पर भरोसा नहीं है। इनको अपने संगठन पर विश्वास नहीं है। सब एक-दूसरे को अपमानित कर रहे हैं। इस सरकार में विधायक मंत्री के ऊपर जान से मारने का आरोप लगाते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार गरीब को घर देने में असफल रही है।

‘विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव में कोई तथ्य नहीं’

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा में कहा कि विपक्ष द्वारा प्रस्तुत अविश्वास प्रस्ताव के मुद्दों में कोई तथ्य नहीं है। बघेल ने कहा कि प्रजातंत्र में विपक्ष का अधिकार सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का होता है। सत्ता के पास मौका होता है कि वो अपनी बात रखे। बघेल ने कहा कहा कि बीजेपी ने 109 आरोप लगाए, लेकिन तथ्य कोई नहीं दिया। उन्होंने कहा कि पहले जब अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता था तो नक्सल समस्या पर बात होती थी। इस बार विपक्ष ने इस पर कोई बात नहीं की। यह हमारी सरकार के लिए बड़ी उपलब्धि है।

बघेल ने कहा कि आप इंद्रावती के उस पार गए क्या ये संभव था। यह इसलिए हुआ कि इस समस्या पर काम किया गया। मुख्यमंत्री ने सदन में कहा कि मैं अभी भेंट-मुलाकात के दौरान में बस्तर में रात रुका। वहां सभी से मिला।

‘ईडी को दी गईं शक्तियां देशहित में नही’

केंद्र की आलोचना करते हुए बघेल ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय को भारी शक्तियां दे दी गई हैं, जो देश हित में नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मैं जीएसटी से संबंधित मामलों की जांच के लिए ईडी को अधिकार देने के कदम का कड़ा विरोध करता हूं।’ बता दें, इस साल के अंत में छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने वाले है और यह मॉनसून सत्र भूपेश बघेल सरकार का आखिरी सत्र था। राज्य में सितंबर महीने में आचार संहिता लगने की संभावना है।