सोनिया गांधी एक साल और कांग्रेस अध्यक्ष बनी रहेंगी। पार्टी ने आतंरिक चुनाव को एक साल के लिए टाल दिया है। इससे यह संकेत मिल रहा है कि राहुल गांधी के निकट भविष्य में पार्टी की बागडोर संभालने की संभावना नहीं है।

कांग्रेस कार्यसमिति में पास प्रस्ताव ने उन अटकलों पर फिलहाल विराम लगा दिया है जिसमें कांग्रेस उपाध्यक्ष के लंबे अवकाश से लौटने के बाद इस वर्ष किसी समय उन्हें पदोन्नत करने की बात कही जा रही थी।

कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि चूंकि पार्टी को इस साल के आखिर तक संगठनात्मक चुनाव पूरे करने थे, पार्टी अब इस आधार पर आंतरिक चुनाव को स्थगित करने के लिए चुनाव आयोग से अनुमति मांगेगी कि उसे पार्टी विधान में महत्त्वपूर्ण संशोधन करने के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत है। पार्टी जल्द ही सीडब्ल्यूसी के इस निर्णय के बारे में चुनाव आयोग को सूचित करेगी।

कांग्रेस कार्यसमिति ने पार्टी के पदों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षण की सीमा को 20 फीसद से बढ़ा कर 50 फीसद करने के एक महत्त्वपूर्ण प्रस्ताव को मंजूर कर लिया। सोनिया गांधी ने इस बात पर जोर दिया कि केवल सकारात्मक कार्यों के जरिए ही हम अपने संगठन के कामकाज में समाज के इन वर्गों की वृहद हिस्सेदारी सुनिश्चित कर सकते हैं।

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एक अन्य संशोधन के जरिए पार्टी ने सदस्यता की अवधि को पांच साल से घटा कर तीन वर्ष कर दिया। इसके मद्देनजर संगठनात्मक चुनाव पांच वर्ष की बजाय तीन वर्ष पर कराना जरूरी हो जाएगा। कांग्रेस ने युवा कांग्रेस, एनएसयूआइ, सेवादल और महिला कांग्रेस जैसी अपनी इकाइयों या कांग्रेस में शामिल होने के लिए एकल सदस्यता प्रणाली लाने का निर्णय किया है।

कांग्रेस कार्यसमिति ने यह भी निर्णय किया कि सक्रिय सदस्यता की व्यवस्था को भी बहाल किया जाएगा। अगर कोई सदस्य 25 अन्य को सदस्य बनाता है तब उसे सक्रिय सदस्य माना जाएगा और संगठन के आतंरिक चुनाव में वह बात रख सकेगा। पार्टी जहां अगले वर्ष संगठनात्मक चुनाव के लिए नए कार्यक्रम लाने की उम्मीद कर रही है, वहीं सोनिया गांधी ने कहा कि जहां नए सदस्य पंजीकृत हो रहे हैं, हमें यह सुनिश्चित करना है कि हमारी आंतरिक प्रक्रिया और प्रणाली प्रतिभाओं को पहचानने, सम्मानित करने और उनका पोषण करने में सक्षम हो। कांग्रेस अध्यक्ष ने संगठन में नए लोगों को लाने की अपील की।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज जो संशोधन पास हुए हैं, उन्हें लागू होने में समय लगेगा लेकिन इसके अमल में आने पर चुनौतियों का सामना करने में पार्टी सही अर्थों में जवाहदेह और सक्षम बनेगी। कांग्रेस कार्यसमिति की तीन घंटे तक चली बैठक के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम और आनंद शर्मा ने मीडिया को जीएसटी विधेयक के बारे में विस्तृत जानकारी दी, जो सरकार की ओर से इस विषय पर नए सिरे से प्रयास करने और इस महत्वपूर्ण सुधार को पारित कराने के लिए कांग्रेस को साथ लेने की पहल के बीच सामने आई है।