Congress OBC Politics: लोकसभा में विपक्ष के नेता और कांग्रेस के सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को एक बार फिर OBC राजनीति की पिच पर खुलकर बैटिंग की। राहुल गांधी ने दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में आयोजित ‘भागीदारी न्याय सम्मेलन’ में एससी-एसटी, OBC वर्ग के मुद्दों को दमदार ढंग से उठाया। ‘भागीदारी न्याय सम्मेलन’ में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सहित कांग्रेस के तमाम फ्रंटल संगठनों के आला पदाधिकारी मौजूद रहे।

राहुल गांधी ने कहा, ‘मुझे राजनीति में आए 21 साल हो गए हैं और इस दौरान मैंने जमीन अधिग्रहण बिल, मनरेगा, भोजन का अधिकार और ट्राइबल बिल की लड़ाई लड़ी लेकिन कहीं कुछ कमी रह गई।’

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OBC के मुद्दे समझ नहीं पाया था- राहुल

राहुल ने कहा, ‘कांग्रेस और मेरे काम में एक कमी रह गई- मुझे OBC वर्ग की जिस तरह से रक्षा करनी थी, मैंने नहीं की… इसका कारण था कि मुझे OBC के मुद्दे उस वक्त गहराई से नहीं समझ आए थे, 10-15 साल पहले दलितों-आदिवासियों के सामने जो कठिनाईयां थीं, वो मुझे अच्छी तरह समझ आ गई थीं।’

कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, ‘OBC की मुश्किलें छुपी रहती हैं… मुझे अगर आपके मुद्दों और परेशानियों के बारे में उस वक्त पता होता तो मैं उसी वक्त जातिगत जनगणना करवा देता। वो मेरी गलती है, जिसे मैं ठीक करने जा रहा हूं। ये एक तरह से अच्छा ही हुआ क्योंकि अगर उस समय मैंने जातिगत जनगणना करवा दी होती तो वो आज जैसी नहीं होती।’

आपको भी तो हलवा मिले…

राहुल ने कहा, ‘देश में दलित, पिछड़ा, आदिवासी, अल्पसंख्यक वर्ग की आबादी कुल मिलाकर करीब 90% है लेकिन जब बजट बनने के बाद हलवा बांटा जा रहा था तो वहां 90% की आबादी का कोई नहीं था। देश की 90% की आबादी ही प्रोडक्टिव फ़ोर्स है। हलवा बनाने वाले लोग आप हैं लेकिन हलवा वो खा रहे हैं। हम ये नहीं कह रहे कि वो हलवा न खाएं लेकिन कम से कम आपको भी तो मिले।’

राहुल ने कहा, ‘जातिगत जनगणना तो पहला कदम है, मेरा लक्ष्य है कि आपके काम को हिंदुस्तान में सम्मान और भागीदारी मिले।’

लगातार उठा रहे एससी-एसटी, OBC के मुद्दे

राहुल गांधी पिछले कुछ सालों से लगातार एससी-एसटी, OBC के मुद्दों को उठा रहे हैं। उनका कहना है कि OBC के मतदाताओं को उनके हक और हिस्सेदारी के हिसाब से देश के शिक्षण संस्थानों, राजनीति और न्यायपालिकाओं में भागीदारी नहीं मिली है।

लोकसभा चुनाव 2024 में हुआ फायदा

लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले दो चुनाव के मुकाबले काफी बेहतर रहा था। 2014 और 2019 में मिली क्रमशः 44 और 52 सीटों के मुकाबले कांग्रेस 99 सीटें जीतने में कामयाब रही थी। राहुल गांधी ने खुद अमेठी से बड़े अंतर से जीत दर्ज की थी और लोकसभा में सपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ते हुए कांग्रेस को 6 सीटों पर जीत मिली थी। शायद कांग्रेस को ऐसा लगता है कि एससी-एसटी, OBC और अल्पसंख्यक वर्ग के मुद्दे उठाकर उसे आगे भी राजनीतिक फायदा मिल सकता है। इसलिए कांग्रेस ने जातिगत जनगणना को भी बड़े पैमाने पर मुद्दा बनाया है।

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