कांग्रेस में पार्टी लाइन से बाहर जाकर बयानबाजी करना आजकल मानो नेताओं के लिए फैशन सा बन गया है। हाल-फिलहाल में कांग्रेस के कई दिग्गज नेताओं ने पार्टी की आधिकारिक लाइन से अलग जाकर ये बयान दिए। इनमें सलमान खुर्शीद, शशि थरूर, जयराम रमेश, अशोक तंवर, संजय निरूपम, भूपिंदर हुड्डा, मिलिंद देवड़ा, नवजोत सिंह सिद्धू, दिग्विजय सिंह, ज्योतिरादित्य सिंधिया, उमंग सिंघर जैसे बड़े नेताओं के नाम भी शामिल हैं।

पार्टी का अनुशासन तोड़ने के इन अधिकतर मामलों में किसी नेता पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में सवाल उठने शुरू हो गए हैं कि कांग्रेस की अनुशासन कमेटी की आखिर क्या भूमिका है? एके एंटनी की अगुआई वाली इस कमेटी के सदस्यों की औसत उम्र 82 साल है। तीन सदस्यीय इस कमेटी के मेंबरों में 78 साल के एंटनी के अलावा 90 वर्षीय मोतीलाल वोरा और 78 वर्षीय सुशील कुमार शिंदे शामिल हैं।

पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, जब कभी भी कमेटी की बैठक होती है, एंटनी अमूमन किसी विवादास्पद मुद्दे को अगले सत्र के लिए टाल देते हैं। अनुशासन कमेटी की ओर से आखिरी बार कोई बड़ा कदम उठाने का मामला याद करें तो यह साल भर पहले मणि शंकर अय्यर का निलंबन हटाया जाना है। मणिशंकर अय्यर अपने विवादास्पद बयानों के लिए जाने जाते हैं। पीएम नरेंद्र मोदी पर विवादित बयान देने की वजह से उन्हें सस्पेंड किया गया था।

जहां तक कांग्रेस नेताओं की ओर से खुलेआम बयानबाजी का सवाल है, इसका सबसे ताजा उदाहरण सलमान खुर्शीद हैं। सलमान खुर्शीद ने शुक्रवार को एक फेसबुक पोस्ट करके अपनी पार्टी के नेताओं को सुना डाला। उधर, दिल्ली कांग्रेस में मनमुटाव शनिवार को उस समय और बढ़ गया जब एक गुट ने पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रभारी पी सी चाको को हटाए जाने की मांग करने वाले नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई किये जाने की मांग की।

इस संबंध में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के पास भेजे गए एक पत्र पर 14 जिला कांग्रेस अध्यक्षों ने कथित तौर पर हस्ताक्षर किए है। संदीप दीक्षित ने चाको पर उनके व्यक्तिगत पत्र को मीडिया में ‘‘लीक’’ करने का आरोप लगाया है। सूत्रों का कहना है कि कांग्रेस हाईकमान ने इस मामले को अनुशासनात्मक समिति के पास भेजा है। सूत्रों ने बताया कि संदीप दीक्षित द्वारा लिखे गये पत्र में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री की अचानक मौत के लिए चाको को जिम्मेदार ठहराया गया है।

उधर, हरियाणा कांग्रेस प्रमुख कुमारी शैलजा ने 21 अक्टूबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ मुकाबले में उतरने वाले 16 नेताओं को शनिवार को पार्टी से निष्कासित कर दिया। शैलजा ने कहा कि इन नेताओं की पार्टी की प्राथमिक सदस्यता भी छह साल के लिए समाप्त कर दी गई है।
(एजेंसी इनपुट्स के साथ)