कांग्रेस ने मोदी सरकार की विफलताओं को बताने के लिए ‘ब्लैक पेपर’ जारी किया। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ ‘ब्लैक पेपर’ जारी किया जिसमें महंगाई, बेरोजगारी, सामाजिक न्याय, किसान और कई अन्य विषयों पर सरकार की विफलताओं का उल्लेख किया गया है। पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बृहस्पतिवार को यह ‘ब्लैक पेपर’ जारी किया। पार्टी ने इसे ’10 साल, अन्याय काल’ नाम दिया है।
कांग्रेस ने सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर उनकी विफलतायें छिपाने का आरोप लगाया और कहा कि ऐसे में इस सरकार के खिलाफ ‘ब्लैक पेपर’ लाने का फैसला किया गया। कांग्रेस ने यह ‘ब्लैक पेपर’ ऐसे समय जारी किया है जब सरकार ने UPA के 10 साल के कार्यकाल पर एक ‘श्वेत पत्र’ जारी करने की घोषणा की है।
मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार के खिलाफ ‘ब्लैक पेपर’ जारी किया
कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार के खिलाफ ‘ब्लैक पेपर’ जारी किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “हम आज केंद्र सरकार के खिलाफ ब्लैक पेपर निकाल रहे हैं क्योंकि वे हमेशा सदन में अपनी कामयाबी की बात रखते हैं और अपनी विफलता छुपाते हैं। वहीं, जब हम उनकी विफलता बताते हैं तब हमें महत्व नहीं दिया जाता है। इस ब्लैक पेपर में हमारा मुख्य मुद्दा बेरोजगारी है, जो देश का सबसे बड़ा मुद्दा है और बीजेपी इस बारे में कभी बात नहीं करती।”
यह सरकार संदिग्ध डाटा लाने के लिए कुख्यात- कार्ति चिदंबरम
केंद्र सरकार द्वारा यूपीए सरकार के 10 वर्षों के खिलाफ ‘श्वेत पत्र’ लाने और जवाब में कांग्रेस द्वारा ‘ब्लैक पेपर’ लाने पर कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, ”आइए हम प्रामाणिक, सत्यापन योग्य डाटा सामने लाएं और फिर हमारे पास एक जानकारीपूर्ण बहस होगी। मैं ‘श्वेत पत्र’ का स्वागत करता हूं और उम्मीद करता हूं कि डेटा प्रामाणिक है क्योंकि यह सरकार संदिग्ध डाटा लाने के लिए कुख्यात है। भारत में जो हो रहा है उसकी वास्तविकता ब्लैक पेपर होगा।”
यह कागजी युद्ध जारी रहेगा- संजय राउत
केंद्र सरकार द्वारा यूपीए सरकार के 10 वर्षों के खिलाफ ‘श्वेत पत्र’ लाने और जवाब में कांग्रेस द्वारा ‘ब्लैक पेपर’ लाने पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, “क्या पिछले 70 वर्षों में कुछ नहीं हुआ? क्या देश का विकास केवल इन 10 वर्षों में हुआ है? पिछले 10 वर्षों में जो घोटाले हुए हैं उन्हें भी श्वेत पत्र में शामिल किया जाना चाहिए, खासकर महाराष्ट्र में। अजित पवार के 70,000 करोड़ रुपये के घोटाले का खुलासा खुद पीएम मोदी ने किया था। यह देश सभी के प्रयासों से विकसित हुआ है। यह कागजी युद्ध जारी रहेगा।”