डॉ. भीमराव आंबेडकर के मुद्दे पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच तनाव अभी थमा नहीं है। चंडीगढ़ नगर निगम की आम सभा की बैठक के दौरान इस ही मुद्दे पर दोनों दलों के पार्षदों में जमकर हाथापाई हो गई। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के पार्षदों ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के खिलाफ प्रस्ताव पारित कर उनके इस्तीफे की मांग की, जबकि भाजपा पार्षदों ने कांग्रेस पर नेहरू के समय में डॉ. भीमराव अंबेडकर को नीचा दिखाने का आरोप लगाया।

बीआर आंबेडकर के मुद्दे पर क्यों कांग्रेस-BJP के बीच तनाव?

गृहमंत्री अमित शाह के बाबा साहब भीम राव आंबेडकर को लेकर दिए गए बयान के बाद से सियासत थम नहीं रही है। संसद परिसर में हुए हंगामे से लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के देशभर में विरोध प्रदर्शनों से मामला काफी बढ़ ही रहा था कि आज चंडीगढ़ नगर निगम की आम सभा की बैठक में कांग्रेस-बीजेपी आमने सामने हो गए हैं।

कांग्रेस मांग कर रही है कि गृहमंत्री अमित शाह को अपने बयान को लेकर माफी मांगनी चाहिए। जबकि बीजेपी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर संसद परिसर में धक्का मुक्की करने का आरोप लगाया है और FIR भी दर्ज कराई है।

गृहमंत्री ने राज्यसभा में बोलते हुए कहा था,”अभी एक फैशन हो गया है- आंबेडकर, आंबेडकर, आंबेडकर.. इतना नाम अगर भगवान का लेते तो सात जन्मों तक स्वर्ग मिल जाता।”

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इस टिप्पणी को कांग्रेस ने बीआर आंबेडकर का अपमान बताया और गृहमंत्री अमित शाह से माफी मांगने के साथ-साथ इस्तीफा देने की मांग भी की थी। बसपा चीफ मायावती ने भी गृहमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा है कि वह उनके खिलाफ पूरे देश में 24 दिसंबर को प्रदर्शन का ऐलान कर रही हैं।