किसानों के ‘दिल्ली चलो’ विरोध मार्च में शामिल प्रदर्शनकारी किसान आज शंभू बॉर्डर पर रात बिताएंगे। किसानों ने मंगलवार को अंबाला में शंभू बॉर्डर पर लगाए गए बैरिकेड को तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद भीड़ को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। दिल्ली पहुंचने की कोशिश में लगे किसानों के उग्र प्रदर्शन के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसानों का समर्थन किया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने घोषणा की कि पार्टी ने किसानों को यह कानूनी गारंटी देने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ पर लिखा, “किसान भाइयों आज ऐतिहासिक दिन है। कांग्रेस ने हर किसान को फसल पर स्वामीनाथन कमीशन के अनुसार MSP की कानूनी गारंटी देने का फैसला लिया है। यह कदम 15 करोड़ किसान परिवारों की समृद्धि सुनिश्चित कर उनका जीवन बदल देगा। न्याय के पथ पर यह कांग्रेस की पहली गारंटी है।”
कांग्रेस देगी MSP पर कानूनी गारंटी
वहीं, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने लिखा, “कांग्रेस ने ऐतिहासिक प्रण लिया है, हम स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, किसानों को MSP क़ानून बनाकर उचित मूल्य की गारंटी देंगे। इससे 15 करोड़ किसान परिवारों को फ़ायदा पहुंचेगा।”
यह ऐसे समय में आया है जब जुलाई 2022 में केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक समिति एमएसपी को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के तरीकों पर विचार-विमर्श कर रही है। इस पैनल का गठन सात महीने बाद किया गया था जब प्रधानमंत्री द्वारा कृषि कानूनों को निरस्त करने की घोषणा के बाद दिल्ली की सीमा पर एकत्र हुए किसानों ने अपना साल भर का विरोध प्रदर्शन बंद कर दिया था। समिति की शर्तों में एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी शामिल नहीं है।
क्या है यह कमेटी?
यह कमेटी जीरो बजट बीआरडी खेती को बढ़ावा देने, देश की बदलती जरूरतों को ध्यान में रखते हुए फसल पैटर्न को बदलने और एमएसपी को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए स्थापित की गयी थी। केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा इस बारे में 18 जुलाई 2022 को अधिसूचित किया गया था।
26 सदस्यों वाली इस कमेटी के अध्यक्ष पूर्व कृषि सचिव संजय अग्रवाल हैं। इसके अन्य सदस्य हैं नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद, दो कृषि अर्थशास्त्री, एक पुरस्कार विजेता किसान , संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के अलावा अन्य किसान संगठनों के पांच प्रतिनिधि, किसान सहकारी समितियों/समूहों के दो प्रतिनिधि, कृषि लागत और मूल्य आयोग (सीएसीपी) का एक सदस्य, कृषि विश्वविद्यालयों और संस्थानों से तीन व्यक्ति, भारत सरकार के पांच सचिव, चार राज्यों के चार अधिकारी और कृषि मंत्रालय से एक संयुक्त सचिव।
क्या है इस पैनल का उद्देश्य
19 नवंबर, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि सरकार ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का फैसला किया है। यह निरस्त कानून थे- किसान उत्पादन व्यापार और वाणिज्य अधिनियम, 2020, किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अधिनियम, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) अधिनियम, 2020
एमएसपी पर समिति से सिस्टम को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाकर देश के किसानों को एमएसपी उपलब्ध कराने के लिए सुझाव मांगे गए हैं। पैनल को देश की बदलती आवश्यकताओं के अनुसार घरेलू और निर्यात अवसरों का लाभ उठाकर किसानों को उनकी उपज की लाभदायक कीमतों के माध्यम से हाई रेट सुनिश्चित करने के लिए कृषि विपणन प्रणाली को मजबूत करने के लिए सिफारिशें भी करनी है। समिति से कृषि लागत और मूल्य आयोग (CACP) को अधिक स्वायत्तता देने और इसे और अधिक वैज्ञानिक बनाने के उपायों पर भी सुझाव मांगे गए थे।
पैनल में अब तक हुई प्रगति
एमएसपी पर समिति की पहली बैठक 22 अगस्त, 2022 को हुई थी। कृषि मंत्रालय ने कहा कि समिति उसे सौंपे गए मामलों पर विचार-विमर्श करने के लिए नियमित आधार पर बैठक कर रही है। मंत्रालय के अनुसार, समिति द्वारा अब तक 6 मुख्य बैठकें और 31 उप-समूह बैठकें/कार्यशालाएं आयोजित की जा चुकी हैं। 18 जुलाई, 2022 की अधिसूचना में संजय अग्रवाल समिति का कार्यकाल के बारे में उल्लेख नहीं दिया गया था इसलिए समिति के पास ऐसे कोई समय सीमा नहीं है जब तक उसे अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने की आवश्यकता होगी।