Comptroller and Auditor General of India (CAG) की प्रिंसिपल डायरेक्टर शारदा सुब्रमण्यम को दो महीने पहले सर्विस से डिसमिस कर दिया गया था। आरोप है कि उन्होंने अपने आर्थिक फायदे के लिए बीते कार्यकाल में म्यूचुअल फंड (MF) में करोड़ों रुपए गैर-कानूनी तरीके से ट्रांसफर कराए। वह उस दौरान Coffee Board में वित्त निदेशक के पोस्ट पर कार्यरत थीं।
दरअसल, 19 मई को केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 1991 बैच की Indian Audit and Accounts Service (IA&AS) अफसर शादरा सुब्रमण्यम को डिसमिस करने का आदेश दे दिया था।
नाम न बताने की शर्त पर CAG सूत्रों ने बिजनेस न्यूज वेबसाइट ‘ईटी डॉट कॉम’ को बताया, “कथित तौर पर भ्रष्टाचार में शामिल होने के अपराध को लेकर भारी जुर्माने की संघ लोक सेवा आयोग की सलाह को मंत्रालय ने सही ठहराया।”
टॉप अधिकारी के हवाले से रिपोर्ट में बताया गया कि सुब्रमण्यम ने सात नवंबर 2019 को CAG में 250 पेज की सफाई पेश की थी, ताकि UPSC रिपोर्ट में उसके खिलाफ लाए गए आरोपों का सामना किया जा सके। हालांकि, कैग ने इस मामले में जीरो टॉलरेस पॉलिसी अपनाई और उनपर कड़ा ऐक्शन ले लिया।
सुब्रमण्यम ने ईटी को दिए इंटरव्यू में खुद पर लगे आरोपों को आधारहीन करार दिया। कहा- मुझसे नेशनलाइज बैंक और MF में लोगों ने धोखाधड़ी की। कैग ने मेरे केस में निष्पक्ष जांच-पड़ताल नहीं की। जांच में मैं जो दो फाइल्स चाहती थी, वे गायब कर दी गईं। मैं अपने खिलाफ लिए गए ऐक्शन (डिस्मिस) को चुतौनी दूंगी।
क्या हैं आरोप?: कर्नाटक स्थित बेंगलुरू में शारदा की कॉफी बोर्ड के वित्त निदेशक के तौर पर नियुक्ति हुई थी। आरोप है कि MF, बोर्ड और बैंगलोर मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड सहित कुछ अन्य संगठनों में निवेश के लिए कुछ दागी बैंकिंग सेवाओं के जरिए बेंगलुरू विकास प्राधिकरण के 2,900 करोड़ रुपये से अधिक अवैध रूप से हटा दिए गए थे। सीएजी अधिकारी पर आरोप है कि उन्होंने बीडीए के बड़े धन के गलत इस्तेमाल के लिए संगठन में दूसरों के साथ मिलकर काम किया।