आज दुनिया भर में महिला दिवस मनाया जा रहा है। महिलाओं की उपलब्धियों और समाज में उनके योगदान को याद रखने के लिए 08 मार्च का दिन चुना गया। महिलाएं आज हर क्षेत्र में कमाल कर रही हैं। भारतीय सेना में भी उनकी अहम भूमिका है। इस अवसर पर हमारे सहयोगी इंडियन एक्सप्रेस ने कर्नल सोनिया एंथक से बातचीत की। इंटरव्यू के कुछ अंश हम आपके लिए पेश कर रहे हैं।

“लिंग यह तय नहीं करता कि कोई अपना कर्तव्य कैसे निभाएगा” ये कहना है यूनिट की कमान संभालने वाली महिला अधिकारियों के पहले बैच में कर्नल सोनिया एंथक की। वे अभी आपूर्ति डिपो की कमान संभालती हैं।

कर्नल सोनिया ने संयुक्त राष्ट्र मिशन में भी काम किया था। उन्हें हाल ही में सेना दिवस 2024 के अवसर पर जीओसी-इन-सी साउथ वेस्टर्न कमांड यूनिट प्रशस्ति पत्र प्राप्त हुआ है। यह यूनिट को दिया गया पहला पुरस्कार है। यह हम सभी के लिए गर्व की बात है। इंडियन एक्सप्रेस से बीतचीत में उन्होंने अपना अनुभव शेयर किया है।

भारतीय सेना का हिस्सा बनकर कैसा महसूस हो रहा है?

मेरा जन्म और पालन-पोषण सैनिक घर में हुआ है। मेरे पिता वायु सेना से एयर कमोडोर के पद से सेवानिवृत्त हुए। सेना में शामिल होना मेरा जुनून था। मुझे ऐसा लग रहा है कि मेरा सपना सच हो गया है और मैं अपने परिवार की विरासत को आगे बढ़ा रही हीं।’ मैं कहूंगा कि सेना का हिस्सा होना मेरे लिए सम्मान और उपलब्धि है। जब मैं हर दिन वर्दी पहनता हूं तो मुझे एहसास होता है कि मैं देश के लिए कुछ अच्छा कर रही हूं।

आप अपनी नौकरी को दूसरों से अलग कैसे देखते हैं?

भारतीय सेना में सेवा देना एक अद्वितीय और एक कठिन पेशा है। जिसमें समर्पण, बलिदान, अनुशासन और राष्ट्र की सेवा के लिए प्रतिबद्धता की जरुरत होती है। सेना में आप सिर्फ नौकरी नहीं करते हैं बल्कि आप साहस, अखंडता और देशभक्ति को भी दर्शाते हैं। एक सैनिक होने के सार को परिभाषित करते हैं। सेना में हम एक साथ काम करते हैं और एक साथ जीतते हैं।

जब आप पुरुषों का नेतृत्व कर रहे होते हैं तो क्या आपको प्रतिरोध का अनुभव होता है? आपके सामने क्या चुनौतियां हैं?

नहीं, पुरुष केवल अपने अधिकारियों में लोडिंग कैपेसिटी देखते हैं। वे देखते हैं कि अगर आप चुनौतियां लेने में सक्षम हैं, आपके पास ड्राइव और फोकस है। आप सच में उनकी भलाई और विकास के बारे में सोचते हैं तो वे आपको अपने नेता के रूप में स्वीकार कर लेते हैं। हो सकता है कि एक महिला अधिकारी को इसे साबित करने के लिए शुरू में अधिक मेहनत करनी पड़े, लेकिन जब पुरुषों को यह एहसास हो जाता है कि आपकी लीडिंग क्वालिटी में कोई कमी नहीं है औऱ आप उनकी बेहतरी के लिए काम करते हैं तो यह नहीं सोचते कि आप महिला हैं। वे लिंग की परवाह किए बिना खुले दिल से आपको स्वीकार करते हैं। अब कई महिलाएं अधिकारी कमान संभाल रही हैं और बिना किसी परेशानी के काम कर रही हैं।

एक महिला अधिकारी होने के नाते आप वर्क लाइफ बैलेंस कैसे बनाए रखती हैं?

एक महिला अधिकारी के रूप में, वर्क लाइफ बैलेंस बनाना एक चुनौतीपूर्ण काम है लेकिन यह जरूरी है। कामों को प्राथमिकता देना और खुद की देखभाल के लिए समय निकालना जरूरी है। इसके लिए आपके पास एक हेल्प नेटवर्क होना जरूरी है। जिन्हें आप काम की जिम्मेदारी दे सकें। जिससे हर काम समय पर हो सके। इन तरीकों से काम औऱ जीवन में बैलेंस बना रहता है।