कोरोना वायरस लॉकडाउन के बीच देश के मई माह में 2.1 करोड़ नौकरियां बढ़ी हैं। देश में लेबर मार्केट के हालात अप्रैल से बेहतर हुए हैं जिसके चलते ये नौकरियां बढ़ी हैं। हालांकि अभी भी बाजार की हालत बहुत खराब है, जिसकी वजह से बेरोजगारी काफी ज्यादा बढ़ गई है। थिंक टैंक सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी (CMIE) की एक रिपोर्ट के अनुसार, देश में मई माह में 2.1 करोड़ जॉब्स बढ़ी हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में कामगारों की कार्यस्थल पर वापसी हुई है।
CMIE की यह रिपोर्ट ऐसे वक्त में सामने आयी है, जब देश में लॉकडाउन 5.0 लागू है और सरकार धीरे धीरे लॉकडाउन को खत्म करने की तरफ बढ़ रही है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मई में जो 2.1 करोड़ जॉब बढ़ी हैं, उनमें से 1.44 करोड़ छोटे दुकानदार और दिहाड़ी मजदूर हैं। अब जब सरकार लॉकडाउन में छूट दे रही है तो स्वरोजगार करने वाले लोग वापस काम पर लौट आए हैं।
वहीं दिहाड़ी मजदूर जो काम बंद होने के चलते अप्रैल में अपने घर लौट गए थे। मई में वह भी लौट आए हैं। हालांकि अभी भी उनके पास काम नहीं है। देश में बेरोजगारी दर मई 2020 में 23.5 फीसदी है, जो कि बीते महीने के बराबर है। नौकरी ढूंढने वाले कामगारों की दर बढ़कर 38.2 फीसदी हो गई है। वहीं रोजगार दर भी बढ़कर 29.2 फीसदी हो गई है।
देश की लेबर मार्केट में मई माह में कुछ सुधार देखने को मिला है, लेकिन अभी भी इसकी हालत काफी खराब है। गौरतलब है कि सोमवार को रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारत की क्रेडिट रेटिंग घटा दी है। इसकी वजह लंबे समय से देश की अर्थव्यवस्था की धीमी प्रगति को बताया गया है।
कोरोना वायरस और उसके चलते जारी लॉकडाउन ने देश की आर्थिक तरक्की को 11 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंचा दिया है। अर्थशास्त्रियों का कहना है कि महामारी का असली असर अर्थव्यवस्था पर जून की तिमाही में देखने को मिलेगा।