Uniform Civil Code: समान नागरिक संहिता (UCC) को लेकर तैयारी तेज हो गई है। केंद्र सरकार मानसून सत्र में इसे लेकर संसद में बिल पेश कर सकती है। उधर उत्तराखंड यूसीसी को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन सकता है। उत्तराखंड में यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। अब इसे जल्द लागू करने के लिए उत्तराखंड की धामी सरकार ने कवायद तेज कर दी है। देर रात सीएम पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। जानकारी के मुताबिक बैठक में यूसीसी को लेकर बातचीत हुई है। सूत्रों का यह भी कहना है कि इस बैठक में ड्राफ्टिंग कमेटी की अध्यक्ष जस्टिस रंजना देसाई भी मौजूद रहीं।
ड्राफ्ट में क्या-क्या खास?
सूत्रों का कहना है कि इस ड्राफ्ट में शादी से लेकर तलाक और बच्चा गोद लेने से लेकर लिवइन तक के मुद्दों को शामिल किया गया है। सूत्रों के मुताबिक इस ड्राफ्ट के अनुसार, शादी का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा, हलाला और इद्दत पर रोक लगेगी और लिव इन रिलेशनशिप का ब्योरा देना जरूरी होगा। इतना ही नहीं इस ड्राफ्ट में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर भी बातें शामिल की गई हैं।
उत्तराखंड में अब लिव इन में रहने के लिए डिक्लेरेशन देना जरूरी हो सकता है। इसकी जानकारी माता-पिता को भी दी जाएगी। इसके अलावा शादी के लिए लड़कियों की उम्र सीमा भी बढ़ाई जाएगी। शादी का हर हाल में रजिस्ट्रेशन जरूरी किया जाएगा। अगर कपल ने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया है तो उसे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। इसके अलावा पॉलीगैमी या बहुविवाह पर रोक लगाई जाएगी। इतना ही नहीं इस ड्राफ्ट में हलाला और इद्दत को भी शामिल किया गया है। ड्राफ्ट में इस पर रोक लगाई गई है।
2.31 लाख से अधिक मिले थे सुझाव
जस्टिस देसाई ने कहा कि समान नागरिक संहिता को लेकर ड्राफ्ट बनकर तैयार है। इसे प्रिटिंग के लिए भेजा जाएगा। जिसके बाद यह ड्राफ्ट सरकार को सौंपा जाएगा। उन्होंने बताया कि ड्राफ्ट के लिए 143 से अधिक बैठकें की गई हैं। इतना ही नहीं हर जाति, जनजाति और धर्म के लोगों से भी सुझाव मांगे गए थे। इन सुझावों को ड्राफ्ट में शामिल किया गया है। सेवानिवृत्त जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई ने बताया कि ड्राफ्ट कमेटी बनने के बाद से इस मामले पर 2.31 लाख से अधिक सुझाव आए। 20 हजार से अधिक लोगों से मौखिक तौर पर बातचीत की गई। कमेटी ने यूसीसी के हर पहलू को जानने के लिए उपसमिति का भी गठन किया जिसने कई बैठकें की। ड्राफ्ट कमेटी ने बॉर्डर के गांव माणा से लेकर दिल्ली तक कई बैठकें कीं।