अमृतसर में राजासांसी के अदलीवाल गांव में स्थित निरंकारी भवन में हुए हमले के बाद राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इसके(हमले) पीछे कश्मीरी और खालिस्तानी आतंकियों का हाथ होने की संभावना से इंकार नहीं किया है। साथ ही उन्होंने कानून व्यवस्था की समीक्षा की और राज्य के गृह सचिव, डीजीपी (कानून व्यवस्था) और डीजी खुफिया को राजासांसी रवाना होने का निर्देश दिया है।
पंजाब पुलिस ने रविवार को कहा कि अमृतसर शहर के बाहरी इलाके में एक धार्मिक समागम में हुआ हमला ‘‘आतंकी कृत्य’’ प्रतीत होता है।
पंजाब पुलिस के महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने कहा, ‘‘ इसमें (इस घटना में) आतंक का एक पहलू दिख रहा है क्योंकि यह एक समूह (लोगों के) के खिलाफ है, न कि किसी एक व्यक्ति के। लोगों के समूह पर ग्रेनेड फेंकने का कोई कारण नहीं है, इसलिए हम इसे एक आतंकी हरकत के तौर लेंगे। साबित होने तक हम प्रथम दृष्टया इसे इसी रूप में लेंगे।’’ उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि निरंकारी भवन में किसी संभावित हमले को लेकर कोई खास खुफिया जानकारी नहीं थी। इस हमले में तीन लोगों की मौत हो गई है और कम से कम 10 लोग घायल हुये हैं।
यह हमला अमृतसर में राजासांसी के अदलीवाल गांव में स्थित निरंकारी भवन में हुआ। यह इलाका अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा के निकट है। हमले के समय वहां निरंकारी पंथ का धार्मिक समागम चल रहा था। उस वक्त वहां करीब 200 श्रद्धालु मौजूद थे। वहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था।
चश्मदीदों का कहना है कि संदिग्धों ने अपना मुंह ढका हुआ था। बम धमाके के बाद निरंकारी भवन में भगदड़ मच गई, जिसमें भी कई लोग घायल हुए हैं। घायलों को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उल्लेखनीय है कि पंजाब बीते कुछ दिनों से हाईअलर्ट पर चल रहा था, साथ ही खूफिया एजेंसियों ने भीड़-भाड़ वाले इलाकों और धार्मिक स्थलों पर हमले की सूचना देते हुए पुलिस प्रशासन को अलर्ट किया था। लेकिन इसके बावजूद यह धमाका राज्य की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है।
बता दें कि हाल ही में जम्मू कश्मीर के खूंखार आतंकी जाकिर मूसा के पंजाब में देखे जाने की खबर आयी थी। जिसके बाद पुलिस जगह जगह चेकिंग और छापेमारी कर रही थी। अमृतसर में बम धमाके के बाद दिल्ली को हाई अलर्ट कर दिया गया है।