Ram Navami Violence In Murshidabad: पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में रामनवमी जुलुस के दौरान झड़पें हुईं। इस घटना में 20 लोग घायल हो गए। यह घटना शक्तिपुर इलाके में उस समय हुई जब रामनवमी पर शोभायात्रा निकाली जा रही थी। इस घटना की वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इलाके के वीडियो में लोग अपनी छतों से जुलूस पर पथराव करते दिख रहे हैं। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा और आंसू गैस के गोले दागने पड़े।

पुलिस अधिकारी ने बताया कि मुर्शिदाबाद जिले के शक्तिपुर में बुधवार शाम को रामनवमी की शोभायात्रा के दौरान एक धमाका भी हुआ। इसमें एक महिला घायल हो गई। इस धमाके की जांच की जा रही है। महिला को मुर्शिदाबाद मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में भर्ती किया गया है। हालांकि, इस बात की जानकारी नहीं दी गई है कि विस्फोट किस वजह से हुआ था।

बीजेपी ने ममता सरकार पर बोला हमला

बीजेपी नेता शुभेंदु अधिकारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर ममता बनर्जी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तरह जब ममता पुलिस की मंशा में कमी के कारण दलखोला, रिशरा और सेरामपुर में राम नवमी जुलूस पर हमला हुआ। इस साल भी ममता पुलिस राम भक्तों की रक्षा करने में विफल रही। रामनवमी जुलुस जिसकी प्रशासन के द्वारा इजाजत ले ली गई थी उस पर उपद्रवियों ने हमला किया।

अजीब बात है कि इस बार ममता पुलिस भी इस भयानक हमले में उपद्रवियों के साथ शामिल हो गई और राम भक्तों पर आंसू गैस के गोले दागे ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जुलूस अचानक खत्म हो जाए। इतना ही नहीं, ममता पुलिस उपद्रवियों को माणिक्यहार मोड़ पर सनातनी समुदाय की दुकानों में तोड़फोड़ और लूटपाट करने से भी नहीं रोक सकी। यह ममता बनर्जी के उकसावे के उकसावे का ही नतीजा है। पश्चिम बंगाल में धार्मिक त्योहारों के शांतिपूर्ण और घटना मुक्त उत्सव के लिए राज्य सरकार को बदल देना चाहिए।

ममता बनर्जी ने दी थी चेतावनी

बता दें कि हाल ही में बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मुर्शिदाबाद में रामनवमी पर दंगे भड़कने की चेतावनी दी थी। उनकी यह चेतावनी इलेक्शन कमीशन के द्वारा डीआईजी को हटाने के बाद दी गई थी। ममता बनर्जी ने कहा था कि सिर्फ बीजेपी के निर्देश पर मुर्शिदाबाद के DIG को बदल दिया गया। अब, अगर मुर्शिदाबाद और मालदा में दंगे होते हैं, तो जिम्मेदारी चुनाव आयोग की होगी। बीजेपी दंगे और हिंसा भड़काने के लिए पुलिस अधिकारियों को बदलना चाहती थी। उन्होंने कहा कि अगर एक भी दंगा होता है, तो ईसीआई जिम्मेदार होगा क्योंकि वे यहां कानून व्यवस्था की देखभाल कर रहे हैं।