पश्चिम बंगाल में एक बार फिर सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी के कार्यकर्ताओं के बीच झड़प और हिंसा की खबर है। वारदात रविवार को बीरभूम जिले के परूई में हुई। पुलिस ने बताया कि दोनों पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने बम फेंके। इसकी वजह से भीड़ को खदेड़ने और हालात काबू करने के लिए पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी।

जिले के एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने बताया कि परूई इलाके के सिमुलिया गांव में तृणमूल और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच भिड़ंत हो गई। पुलिस के मुताबिक, हिंसा की खबरें मिलने के बाद भारी तादाद में पुलिसबल मौके के लिए रवाना कर दिया गया। अधिकारी ने बताया, ‘राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने पुलिसवालों की तरफ भी बम फेंके। पुलिस को भीड़ को खदेड़ने के लिए हवा में फायरिंग करनी पड़ी।’

अधिकारी ने बताया कि हालात फिलहाल सामान्य हैं और हिंसा के लिए जिम्मेदार लोगों की धरपकड़ शुरू हो चुकी है। वहीं, वीरभूम जिले के तृणमूल जिलाध्याक्ष अनुब्रत मंडल ने हिंसा के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, ‘हमारी छवि खराब करने के लिए वे हमारे कार्यकर्ताओं के घरों में बम रख रहे हैं। वे राजनीतिक फायदे के लिए ऐसा कर रहे हैं। हम इसका लोकतांत्रिक ढंग से मुकाबला करेंगे।’

वहीं, बीजेपी जिलाध्यक्ष श्यामपद मंडल ने तृणमूल के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, ‘टीएमसी हिंसा में लिप्त है और हमारे कार्यकर्ताओं को निशाना बना रही है। तृणमूल कार्यकर्ताओं के घरों में बम मिले हैं। वे बस अपनी छवि बचाने के लिए हमारे ऊपर आरोप मढ़ रहे हैं।’

बता दें कि इससे पहले जाधवपुर यूनिवर्सिटी में केंद्रीय मंत्री बाबुल सुप्रियो और छात्रों के बीच झड़प का मामला भी सामने आ चुका है। वामपंथी छात्र संघों के प्रदर्शनकारी छात्रों द्वारा विश्वविद्यालय परिसर में करीब पांच घंटे तक सुप्रियो को बंधक बनाकर रखा गया, जिसके बाद बृहस्पतिवार शाम राज्यपाल ने वहां पहुंचकर उन्हें वहां से निकाला था।