बिहार विधानसभा चुनाव से पहले जनता दल (यूनाइटेड) और राष्ट्रीय जनता दल के बीच गठबंधन को लेकर पिछले कुछ समय से जारी गतिरोध के बाद दोनों क्षेत्रीय दलों के बीच वाकयुद्ध के साथ आपसी कटुता सतह पर आ गयी।

नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद के लिए गठबंधन का उम्मीदवार घोषित करने को लेकर राजद के भीतर उठी असहजता को प्रदर्शित करते हुए पार्टी के उपाध्यक्ष रघुवंश प्रसाद सिंह ने कहा कि नीतीश कुमार को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने की कोई जरूरत नहीं है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री और राजद प्रमुख लालू यादव के करीबी सहयोगी रघुवंश ने कहा, ‘‘राजद में ऐसे कई लोग हैं जो एक अच्छा मुख्यमंत्री बन सकते हैं।’’ रघुवंश पिछले कुछ समय से मुख्यमंत्री पद के लिए नीतीश की उम्मीदवारी को लेकर असहजता प्रकट करते रहे हैं।

एक-दूसरे को खंजर भोंकने के लिए तैयार हैं लालू और नीतीश: भाजपा

मीडिया में आयी खबरों के अनुसार राजद के नीतीश की उम्मीदवारी का विरोध करने की वजह यादवों का वोट गंवाने की आशंका है क्योंकि बिहार की आबादी में करीब 14 फीसदी हिस्सा रखने वाली पिछड़ी यादव जाति के अधिकांश लोग नीतीश पर राजग शासन के दौरान अपने हितों के खिलाफ काम करने का आरोप लगाते रहे हैं।

जदयू ने नीतीश के विरोध में दिए गए रघुवंश के बयान का कड़ा जवाब देते हुए उनपर भाजपा की मदद करने का आरोप लगाया।