Justice Yashwant Varma News: दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर नोटों की गड्डियां मिलने को लेकर पिछले दिनों काफी हंगामा हुआ। अब सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार रात को जज के घर से कैश मिलने का वीडियो जारी किया है। इस वीडियो में जले हुए नोटों की गड्डियां दिखाई दे रही हैं। अब यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है। इतना ही नहीं जस्टिस वर्मा का जवाब भी पब्लिक किया गया। मामले से जुड़े दस्तावेज भी वेबसाइट पर डाले गए हैं।
बार एंड बेंच की रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस वर्मा ने अपने जवाब में कहा, ‘मैं स्पष्ट रूप से कहता हूं कि मेरे या मेरे परिवार के किसी भी सदस्य द्वारा उस स्टोररूम में कभी भी कोई नकदी नहीं रखी गई थी और इस बात की कड़ी निंदा करता हूं कि कथित नकदी हमारी थी। यह विचार या सुझाव कि यह नकदी हमारे द्वारा रखी गई थी, पूरी तरह से बेतुका है। यह सुझाव कि कोई व्यक्ति स्टाफ क्वार्टर के पास एक खुले और आम तौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले स्टोररूम में या एक आउटहाउस में नकदी इकट्ठा कर सकता है, यह पूरी तरह से अविश्वसनीय है। यह एक ऐसा कमरा है जो मेरे रहने के क्षेत्र से पूरी तरह से अलग है और एक चारदीवारी मेरे रहने के क्षेत्र को उस आउटहाउस से अलग करती है। मैं केवल यही चाहता हूं कि मीडिया ने मुझ पर अभियोग लगाने और प्रेस में बदनाम होने से पहले कुछ जांच की होती।’
सीजेआई ने कोई ज्यूडिशियल काम ना देने के लिए कहा
सीजेआई ने दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस को फिलहाल जस्टिस यशवंत वर्मा को कोई भी ज्यूडिशियल काम ना देने के लिए कहा गया है। दिल्ली हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश द्वारा पेश की गई रिपोर्ट, जस्टिस यशवंत वर्मा का जवाब और अन्य दस्तावेज सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर अपलोड किए जा रहे हैं। कोर्ट की इन हाउस जांच के मुताबिक, जब किसी हाई कोर्ट के जज के खिलाफ आरोप लगते हैं, तो भारत के मुख्य न्यायाधीश शुरुआती जांच के बाद संबंधित जज से जवाब मांगने के बाद मामले की जांच के लिए तीन जजों की एक समिति बनाते हैं।
कौन हैं दिल्ली हाई कोर्ट के जज यशवंत वर्मा?
दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने पेश की रिपोर्ट
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोप तब सामने आए जब उनके आवास में आग लगने के बाद कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी मिली। कुछ रिपोर्टों में यह राशि करीब 15 करोड़ बताई गई है, हालांकि इस आंकड़े की कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। कथित रूप से बेहिसाब नकदी मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने एक बैठक बुलाई थी और दिल्ली हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय को जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों के संबंध में एक रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा गया था। रिपोर्ट 21 मार्च को पेश की गई थी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर करने का प्रस्ताव अलग- सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक बयान में कहा था कि यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर करने का प्रस्ताव अलग है। इसमें कहा गया कि जस्टिस यशवंत वर्मा के आवास पर हुई घटना के संबंध में गलत सूचना और अफवाहें फैलाई जा रही हैं। पढ़ें पूरी खबर…