सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और न्यायमूर्ति रवींद्र भट की बेंच ने मंगलवार (6 सितंबर, 2022) को मामलों को स्थगित कराने को लेकर वकीलों पर नाराजगी जाहिर की है। एक वकील ने केस को दो दिनों के लिए स्थगित करने का अनुरोध किया था, इस पर बेंच ने नाराजगी जताई है। वकील जिस मामले को कोर्ट में पेश कर रहे थे, उसको लीड करने वाले सीनियर एडवोकेट उपस्थित नहीं थे, इस पर वकील ने कोर्ट से दो दिन बाद केस की सुनवाई की तारीख की गुजारिश की थी।
इस पर CJI ललित ने कहा, “ये 2015 मामले हैं..कृपया हम पर कुछ दया करें… ” इसके बावजूद वकील ने जोर देकर कहा कि मामले की सुनवाई दो दिन बाद की जाए। इस पर सीजेआई ने कहा कि तो फिर दो दिन बाद जो मामले सूचीबद्ध हैं, उनका क्या होगा। हालांकि, सीजेआई की इस बात का भी वकील पर कोई असर नहीं पड़ा और वो अपने केस में दो दिन बाद सुनवाई का अनुरोध करते रहे।
तब न्यायमूर्ति रवींद्र भट ने कहा कि मामले की अगुवाई एक वरिष्ठ वकील कर रहे हैं और उन्हें पता था कि आज सुनवाई होनी है तो उन्हें पेश होना चाहिए था। जस्टिस भट ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा- “आप एक वकील हैं! आप इस तरह की बात कर रहे हैं यह कितना शर्मनाक है। क्या अदालत में वकील ऐसे काम करते हैं?”
इसके बाद भी जब वकील ने दो दिन बाद ही मामले की सुनवाई को लेकर जोर दिया, तो सीजेआई ललित ने कहा कि ठीक है वो सुनवाई के लिए दो दिन बाद की तारीख दे देंगे, लेकिन इस शर्त पर कि वह खुद मामले को कोर्ट में पेश करेंगे। सीजेआई ने कहा कि भले उनके सीनियर एडवोकेट भी कोर्ट में मौजूद रहें, लेकिन मामले को पेश उन्हें खुद को करना होगा।
स्थगन की अनुमति देने वाले आदेश में, पीठ ने कहा, “वकील के अनुरोध पर, इस मामले को कल के लिए सूचीबद्ध करें। वकील ने अदालत को आश्वासन दिया है कि वह इस मामले पर खुद बहस करेंगे।” तब वकील ने कहा कि अगर वह केस पर बहस करेंगे तो शायद वो केस को उतनी अच्छी तरह से पेश ना कर पाएं, जो उनके मुवक्किल के लिए गलत होगा। इसके बाद कोर्ट ने इस शर्त को हटा दिया।
