Kapil Sibal Praised CJI: भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने आज दिल्ली के मॉडर्न स्कूल क्रिकेट ग्राउंड में CJI XI और SCBA-XI के बीच क्रिकेट मैच में हिस्सा लिया। इस दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सीजेआई संजीव खन्ना की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्य न्यायाधीश को हारने की आदत नहीं है।

समाचार न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में वरिष्ठ वकील और सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष कपिल सिब्बल ने कहा, ‘चीफ जस्टिस जब आए तो टॉस हुआ। तो उन्होंने जीता। उनको हारने की आदत ही नहीं है। वो बेंच पर भी बैठकर जीतते हैं। यहां भी क्रिकेट में भी जीतते हैं। हमारी कोशिश है कि यहां पर तो उनको हराया जाए। लेकिन मुझे बहुत ही मुश्किल लगता है। उनकी टीम बड़ी मजबूत है। सीजेआई ने बड़े-बड़े प्लेयर उधार भी लिए हुए हैं, जो सुप्रीम कोर्ट के जज नहीं है। क्रिकेट ऐसी चीज है जो देश की रग-रग में बसी हुई है। ये जो हमारी एसोसिएशन है, हम चाहते हैं कि इसके द्वारा ऐसे मैच भी हों, जहां बार एंड बेंच भी इकट्ठा होकर क्रिकेट खेलें। ये साबित करें खासतौर पर क्रिकेट के खेल में हम समझते हैं कि हमारा नेशनल गेम है।

SCBA सचिव विक्रांत यादव ने क्या कहा?

दिल्ली के मॉडर्न स्कूल क्रिकेट ग्राउंड पर CJI XI और SCBA-XI के बीच एक फ्रेंडली मैच पर SCBA सचिव विक्रांत यादव ने पीटीआई से कहा, ‘यह हमारा वार्षिक टूर्नामेंट है। सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन की तरफ से। तो उसके अंदर 22 टीमें खेली थीं। ये टीम जो होती हैं वो सीनियर एडवोकेट जो हैं वो स्पॉन्सर करते हैं। यह टूर्नामेंट जनवरी की शुरुआत में शुरू हुआ था और अब समाप्त हो गया है। यह CJI XI और SCBA-XI के बीच एक एग्जीबिशन मैच था जो आज खेला गया। आज के ही दिन हमारा प्राइज कार्यक्रम भी आयोजित किया जाएगा।’

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कौन हैं सीजेआई संजीव खन्ना?

जस्टिस संजीव खन्ना की बात करें तो वह सुप्रीम कोर्ट के 51वें मुख्य न्यायाधीश हैं। वह दिल्ली हाईकोर्ट में 14 साल तक जज रहे हैं। उनका जन्म 14 मई 1960 को हुआ था। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के कैंपस लॉ सेंटर से कानून की पढ़ाई की। ग्रेजुएशन के बाद, उन्होंने 1983 में दिल्ली बार काउंसिल में एक वकील के रूप में रजिस्ट्रेशन कराया था। उन्हें 2019 में सुप्रीम कोर्ट में प्रमोट किया गया था।

संजीव खन्ना के सुप्रीम कोर्ट के जज बनने को लेकर विवाद हुआ था। उन्हें 32 जजों की अनदेखी करके सुप्रीम कोर्ट का जज बनाने पर जमकर विवाद हुआ था। 10 जनवरी 2019 को कॉलेजियम ने उनकी जगह जस्टिस माहेश्वरी और वरिष्ठता में 33वें स्थान पर जस्टिस खन्ना को प्रमोट करने का फैसला किया। इसे तत्कालीन राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा स्वीकृत भी कर लिया गया था।