सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ सोमवार को बेहद गुस्से में थे। दरअसल वो राजस्थान के भरतपुर जिले की बार एसोसिएशन के उस रवैये से खफा थे जिसमें वकीलों को लीगल एड सर्विस में काम करने से रोका गया था। सीजेआई को ये बात पता चली तो वो भड़क गए। उन्होंने दो टूक कहा कि अगर बार ने प्रस्ताव वापस नहीं लिया तो वो सारे पदाधिकारियों को जेल भिजवा देंगे। सीजेआई के गुस्से का ये आलम था कि उन्होंने बार के सभी पदाधिकारियों को व्यक्तिगत तौर पर सुप्रीम कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया। डीवाई चंद्रचूड़ का कहना था कि ये आपराधिक अवमानना का केस है।

सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच एक याचिका की सुनवाई कर रही थी। रिट दायर करने वाले वकीलों का कहना है कि उनको नेशनल लीगल एड सर्विस अथॉरिटी के तहत लीगल एड डिफेंस सिस्टम में नियुक्त किया गया था। लेकिन भरतपुर की बार एसोसिएशन ने पहले उनको वहां पर जाने से रोका। वो नहीं माने तो उनको बार से सस्पेंड कर दिया गया। बेंच में जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस जेबी पारदीवाला भी थे।

बार ने अगस्त 2022 किया था प्रस्ताव पास, वकीलों को लीगल एड से दूर रहने को कहा था

सीजेआई को बताया गया कि बार ने अगस्त 2022 में एक प्रस्ताव पास किया था। इसमें कहा गया था कि कोई भी वकील लीगल एड सर्विस से न जुड़े। जो वकील पहले से आवेदन करके लीगल एड से जुड़ चुके थे उनको वहां से त्यागपत्र देने के लिए कहा गया। ऐसा न करने पर उनको बार से इस्तीफा देने को कहा गया। रिट दायर करने वाले वकीलों का कहना है कि बार का इस तरह का बर्ताव पूरी तरह से तुगलकी है।

सीजेआई गुस्से से बोले- बार को बता दीजिए कि हम बेहद सख्त कदम उठाने जा रहे हैं

रिट को देखते ही सीजेआई गुस्से से बिफर गए। उनका कहना था कि वकीलों को लीगल एड में जाने से रोकना पूरी तरह से अवमानना है। उन्होंने कहा कि बार को बता दीजिए कि हम बेहद सख्त कदम उठाने जा रहे हैं। किसी को लीगल एड से वंचित करना पूरी तरह से आपराधिक अवमानना है। ध्यान रहे कि मार्च में सुप्रीम कोर्ट ने बार के उस कदम पर रोक लगा दी थी जिसमें रिट दायर करने वाले वकीलों को सस्पेंड किया गया था। भरतपुर की बार लंबे अरसे से लीगल एड सर्विस का विरोध कर रही है। जब ये स्कीम शुरू की गई थी तब बार के पदाधिकारियों ने विरोध प्रदर्शन भी किया था।