कोलकाता के आरजी कर अस्पताल की एक ट्रेनी डॉक्टर से दुष्कर्म और उसकी हत्या के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई को फिलहाल 17 सितंबर तक टाल दिया है। सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ ने केस की सुनवाई की। इस दौरान CJI ने वकील से अपनी आवाज नीचे करने के लिए कहा।
तीन न्यायाधीशों की पीठ जब कोलकाता के डॉक्टर के बलात्कार और हत्या मामले की सुनवाई कर रही थी। उस दौरान सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने एक वकील से अपनी आवाज धीमी करने को कहा और पूछा कि क्या वह जजों की जगह अदालत के बाहर गैलरी को संबोधित कर रहे थे। यह वकील एडवोकेट कौस्तव बागची थे जो बीजेपी नेता भी हैं। वह इस साल की शुरुआत में कांग्रेस से भाजपा में शामिल हो गए।
बहस के दौरान, वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके पास यह दिखाने के लिए वीडियो और तस्वीरें हैं कि वकील सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 9 अगस्त की घटना के विरोध में पथराव कर रहे थे।
क्या आप अदालत के बाहर गैलरी को संबोधित कर रहे हैं- CJI चंद्रचूड़
सिब्बल के पत्थर फेंकने के आरोप का जवाब देते हुए वकील बागची ने कहा कि एक वरिष्ठ वकील अदालत में इस तरह के बयान कैसे दे सकता है। जिस पर मुख्य न्यायाधीश ने कहा, “क्या आप अदालत के बाहर गैलरी को संबोधित करने की कोशिश कर रहे हैं? मैं पिछले दो घंटों से आपके आचरण पर गौर कर रहा हूं।”
सीजेआई चंद्रचूड़ ने आगे कहा, “क्या आप पहले अपनी आवाज कम कर सकते हैं? मुख्य न्यायाधीश की बात सुनें, अपनी आवाज कम करें। आप अपने सामने तीन न्यायाधीशों को संबोधित कर रहे हैं, न कि दर्शकों को जो वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग प्लेटफॉर्म पर इन कार्यवाही को देख रहे हैं।” इसके बाद वकील ने पीठ से माफी मांगी।
वकील ने दी प्रतिक्रिया
इस मामले में वकील कौस्तव बागची ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने X पर एक पोस्ट में लिखा, “मेरे द्वारा आवाज उठाने का कारण यह था कि पश्चिम बंगाल राज्य द्वारा कपिल सिब्बल, विद्वान वरिष्ठ वकील के माध्यम से मेरे खिलाफ व्यक्तिगत रूप से झूठे और दुर्भावनापूर्ण बयान दिए गए थे।”
सीजेआई द्वारा वकील को फटकार लगाने पर TMC ने दी प्रतिक्रिया
वहीं, दूसरी ओर मुख्य न्यायाधीश द्वारा बागची को फटकार लगाने पर तृणमूल कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी। पार्टी ने X पर लिखा, “लेकिन हम एक बड़बोले आधे-समय के वकील, पूर्णकालिक भाजपा कार्यकर्ता कौस्तव बागची से और क्या उम्मीद कर सकते हैं, जो सोचते हैं कि उनके शासन में हर चीज की तरह अदालत की मर्यादा को भी खत्म किया जा सकता है? आज, माननीय मुख्य न्यायाधीश ने उनके कदाचार पर सही फटकार लगाई।”
आरजी कर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से नई स्टेटस रिपोर्ट मांगी
वहीं, आरजी कर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से नई स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। सीबीआई की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उच्चतम न्यायालय से कहा कि जांच एजेंसी ने फोरेंसिक नमूने एम्स भेजने का फैसला किया है। जिसके बाद सीजेआई चंद्रचूड़ ने सीबीआई से अगले हफ्ते तक नई स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
सीजेआई ने रिपोर्ट में पीड़िता की मौत के समय और उसके बाद की गई ‘अप्राकृतिक मौत’ एंट्री पर स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही अदालत ने पीड़िता की सभी तस्वीरें सोशल मीडिया से तुरंत हटाने का निर्देश दिया। सीजेआई ने डॉक्टरों से मंगलवार शाम 5 बजे से पहले काम पर लौटने का आग्रह किया था। अदालत ने कहा, “अगर डॉक्टर शाम 5 बजे या उससे पहले ड्यूटी पर आते हैं तो उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।”