भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने जम्मू-कश्मीर के कटरा क्षेत्र में माता वैष्णो देवी की पवित्र गुफा का दर्शन किया और गर्भगृह में पूजा की। CJI का पद संभालने के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ की यह वैष्णो देवी की पहली यात्रा है।

बोर्ड के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, कटरा पहुंचने पर भारत के मुख्य न्यायाधीश का श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अंशुल गर्ग ने स्वागत किया। सीजेआई के साथ जम्मू-कश्मीर और लद्दाख हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस भी थे। सीईओ ने सभी व्यक्तियों को पवित्र गुफा में तीर्थयात्रियों की दिन प्रति दिन बढ़ती संख्या को देखते हुए बुनियादी ढांचे के सुधार के लिए जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा की जा रही निरंतर पहल के बारे में जानकारी दी।

माता वैष्णो देवी पहुंचे CJI चंद्रचूड़

सीजेआई चंद्रचूड़ ने आने वाले तीर्थयात्रियों के कल्याण और उनकी तीर्थयात्रा को परेशानी मुक्त बनाने के लिए सुविधाएं प्रदान करने के लिए माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा शुरू किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। पवित्र गुफा मंदिर में पूजा करने के बाद, सीजेआई ने भैरों बाबा मंदिर में पूजा करने के लिए भैरों घाटी का दौरा किया।

अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू में तीर्थयात्रियों का मौके पर ही रजिस्ट्रेशन

वहीं, दूसरी ओर अमरनाथ यात्रा के लिए जम्मू में तीर्थयात्रियों का मौके पर ही रजिस्ट्रेशन शुरू। प्रशासन ने कश्मीर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर की तीर्थयात्रा के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए बृहस्पतिवार को मौके पर ही पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू की। शहर के शालीमार क्षेत्र में अपंजीकृत तीर्थयात्रियों के लिए मौके पर ही रजिस्ट्रेशन के लिए केंद्र स्थापित किया गया है, वहीं पुरानी मंडी स्थित राम मंदिर परिसर में साधुओं के पंजीकरण के लिए एक विशेष शिविर स्थापित किया गया है।

हिमालय क्षेत्र में 3,880 मीटर की ऊंचाई पर प्राकृतिक रूप से बनने वाले हिम शिवलिंग के दर्शन के लिए 1 जुलाई 2023 से शुरू होने वाली यात्रा के लिए साधुओं सहित 1,500 से अधिक तीर्थयात्री जम्मू शहर पहुंच चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच, 1000 से अधिक तीर्थयात्री आगे की यात्रा के लिए यहां भगवती-नगर आधार शिविर पहुंच चुके हैं। यह 62 दिवसीय तीर्थयात्रा दो मार्गों- अनंतनाग जिले में पारंपरिक 48 किलोमीटर लंबे नुनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल जिले में 14 किलोमीटर लंबे बालटाल मार्ग से शुरू होगी।