RG Kar Doctor Rape-Murder Case: सुप्रीम कोर्ट ने कोलकाता आरजी कर रेप-मर्डर मामले में की सुनवाई पश्चिम बंगाल से अलग दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया। कोर्ट के सामने मुकदमे को पश्चिम बंगाल से बाहर ट्रांसफर करने की मांग की गई थी। जिसको लेकर शीर्ष अदालत ने कहा कि वो ऐसा कोई आदेश पारित नहीं करने जा रही है।

यह पूरा घटनाक्रम सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे.बी. पारदीवाल और जस्टिस मनोज मिश्रा की पीठ के सामने हुआ। बता दें, अगस्त में कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज अस्पताल की एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार-हत्या से संबंधित सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया था।

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एक वकील ने कहा कि राज्य में परेशान करने वाली परिस्थितियों के कारण मुकदमे को राज्य से ट्रांसफर किया जाना चाहिए। इस पर जवाब देते हुए सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “हां, हमने मणिपुर जैसे मामलों में ऐसा किया है। लेकिन हम यहां ऐसा कुछ नहीं कर रहे हैं। ऐसा कोई ट्रांसफर नहीं है।”

जब एक अन्य वकील ने कहा कि “पश्चिम बंगाल के लोगों का न्यायपालिका और राज्य की पुलिस पर से भरोसा उठ गया है”, तो सीजेआई ने उन्हें फटकार लगाते हुए कहा कि लोगों के बारे में बात मत करो…तुम किसके लिए पेश हो रहे हो? ऐसे बयान मत दो। कोर्ट में कैंटीन की गपशप हो रही है!”

नवाब मलिक के लिए प्रचार करेंगे अजित, बोले- उनके खिलाफ कोई आरोप सिद्ध नहीं हुआ

जब एक अन्य वकील ने कहा कि सीबीआई ने उचित जांच नहीं की है तथा केवल राज्य पुलिस के निष्कर्षों का समर्थन किया है। इस पर सीजेआई ने कहा कि ट्रायल जज के पास आगे की जांच का आदेश देने का अधिकार है तथा सुप्रीम कोर्ट ट्रायल कोर्ट की शक्तियों में हस्तक्षेप नहीं करेगा।

अपनी नई स्टेटस रिपोर्ट में सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि 4 नवंबर 2024 को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, सियालदह ने आरोपी संजय रॉय के खिलाफ आरोप तय किए और अभियोजन साक्ष्य खोलने के लिए मामले की अगली तारीख 11 नवंबर तय की गई है।

चिकित्सा पेशेवरों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए सुझाव देने के लिए कोर्ट द्वारा गठित राष्ट्रीय टास्क फोर्स ने भी अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। कोर्ट ने निर्देश दिया कि एनटीएफ रिपोर्ट की एक प्रति मामले में सभी पक्षों, सभी राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य सचिवों के साथ साझा की जाए ताकि वे सिफारिशें दे सकें।