भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने गुरुवार को अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि को बताया कि झारखंड सरकार ने केंद्र के खिलाफ अवमानना याचिका (Contempt Petition) दायर की है। CJI ने कहा कि राज्य सरकार ने केंद्र पर झारखंड हाई कोर्ट के लिए नए मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाया गया है।
सीजेआई चंद्रचूड़ ने यह बात तब कही जब वेंकटरमणी ने एक जनहित याचिका (PIL) का जवाब देने के लिए एक और हफ्ते का समय मांगा। याचिका में कॉलेजियम द्वारा सिफ़ारिश किए गए जजों की नियुक्ति को नोटिफ़ाई करने के लिए केंद्र की ओर से एक निश्चित समय सीमा की मांग की गई थी।
सीनियर लॉ ऑफिसर ने बताया कि मामले की सुनवाई शुक्रवार को होनी है और पीठ से आग्रह किया कि इसे एक हफ्ते बाद लिस्ट किया जाए। हालांकि, सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि शुक्रवार की कॉज लिस्ट पहले ही प्रकाशित हो चुकी है और वे सुबह अनुरोध कर सकते हैं।
झारखंड सरकार की केंद्र के खिलाफ याचिका
झारखंड ने अपनी याचिका में कहा, “मुख्य न्यायाधीश महत्वपूर्ण प्रशासनिक कार्य करते हैं और राज्य में न्यायिक परिवार के मुखिया होते हैं। न्याय के कुशल प्रशासन और न्यायपालिका के कामकाज के लिए नियमित रूप से चीफ जस्टिस की नियुक्ति आवश्यक है।” याचिका में कहा गया, “भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाले कॉलेजियम द्वारा सिफारिशें किए जाने के बाद नियुक्ति के मामलों में अनुचित देरी राज्य में न्याय प्रशासन के लिए हानिकारक है।”
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गौरतलब है कि 11 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम.एस. रामचंद्र राव को झारखंड हाई कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश के पद पर स्थानांतरित करने की सिफ़ारिश की थी। कॉलेजियम ने सात और हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस की नियुक्ति की भी सिफारिश की थी।
हालांकि, 17 सितंबर को कॉलेजियम ने प्रस्तावित नामों में से तीन – जस्टिस सुरेश कुमार कैत, ताशी राबस्तान और जीएस संधावालिया के मामले में परिवर्तन की घोषणा करते हुए लिस्ट में फेरबदल किया। केंद्र ने अभी तक ट्रांसफर की अधिसूचना नहीं दी है।
(इनपुट- इंडियन एक्सप्रेस)