Citizenship Amendment Bill/Act (CAB/CAA) Protest Updates: दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करने पर सहमति जताई, जो संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में प्रदर्शन के दौरान जामिया मिल्लिया इस्मामिया के पास हाल में हुई हिंसा से संबंधित हैं। दोनों याचिकाएं न्यायमूर्ति डी एन पटेल और न्यायामूर्ति रेखा पल्ली की पीठ के समक्ष दायर की गईं और इन पर अब गुरुवार को सुनवाई होगी।
पहली याचिका सुबह वकील रिजवान द्वारा दायर की गई, जिसमें विश्वविद्यालय में हुई हिंसा का पता लगाने के लिए तथ्यान्वेषण समिति की स्थापना करने का अनुरोध किया गया। दूसरी याचिका दोपहर करीब ढेड़ बजे संसद भवन के दूसरी तरफ स्थित जामा मस्जिद के इमाम और ओखला के दो निवासियों के तरफ से दायर की गई, जिसमें जामिया मिल्लिया पर हिंसा की जांच सीबीआई या एसआईटी जैसी किसी निष्पक्ष एजेंसी से कराने का अनुरोध किया गया।
इमाम और दो अन्य की तरफ से वकील महमूद प्राचा ने याचिका दायर की और उन्होंने कथित रूप से दोषी पुलिसर्किमयों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग भी की। याचिका में कहा गया कि दोषी पुलिसर्किमयों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की जरूरत है ताकि ‘‘उन्हें प्रदर्शनकारियों के खिलाफ तथ्यों और सबूतों से छेड़छाड़ करने का समय न मिले।’’
इसी बीच, जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार बुधवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के बाहर प्रदर्शन में शामिल हुए और उन्होंने कहा कि यह प्रदर्शन न केवल मुस्लिमों को बचाने की लड़ाई है बल्कि पूरे देश की रक्षा की लड़ाई है। विश्वविद्यालय के गेट नंबर सात के बाहर प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कुमार ने कहा कि लोगों को राष्ट्रीय नागरिक पंजी को लेकर अधिक चिंतित होना चाहिए जो कि विवादित नागरिकता कानून के मुकाबले कहीं अधिक खतरनाक है।
भीड़ ने तालियां बजाई जब कुमार ने कहा कि नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन ‘‘संविधान को बचाने वाले प्रदर्शनों में से एक’’ के रूप में इतिहास में दर्ज होगा। उन्होंने कहा, ‘‘अगर एनआरसी देशभर में लागू होती है तो हम सभी को नोटबंदी के दिनों की तरह लंबी कतारों में खड़ा होना पड़ेगा।’’
कुमार ने कहा कि संशोधित नागरिकता कानून और एनआरसी का पुरजोर विरोध होना चाहिए लेकिन शांति के रास्ते से भटकना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि हम इसी तरह की ऊर्जा बरकरार रखते हुए होश में रहें। याद रखिए हम कलम उठाते हैं न कि एके-47।’’ कुमार ने कहा कि जो लोग संविधान को बचाने की कोशिश कर रहे हैं उन्हें ‘‘राष्ट्र विरोधी’’ कहा जाता है और जो इसे बर्बाद कर रहे हैं उन्हें ‘‘देशभक्त’’ कहा जाता है।
नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में असम में लाखों प्रदर्शनकारी बुधवार को सड़कों पर उतर आए जबकि राज्य सरकार के कर्मचारियों ने काम रोक दिया, जिससे सरकारी कामकाज प्रभावित हुआ। अखिल असम छात्र संघ (आसू) द्वारा आहूत ‘गण सत्याग्रह’ के तीसरे और अंतिम दिन शहर में लाटासिल प्लेग्राउंड से दिगलीपुखुरी तक मार्च करने के बाद बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी गिरफ्तारी दी।
दिल्ली पुलिस ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ जामिया नगर इलाके में ंिहसक प्रदर्शन के बाद जामिया नगर पुलिस थाने में शांति समिति के सदस्यों और स्थानीय लोगों के साथ बुधवार को बैठक की। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बैठक यह सुनिश्चित करने के लिए हुई कि कानून व्यवस्था बनी रहे। संयुक्त पुलिस आयुक्त (दक्षिणी रेंज) देवेश चंद्रा श्रीवास्तव और पुलिस उपायुक्त (दक्षिणपूर्व) के साथ अन्य पुलिस अधिकारी बैठक में मौजूद रहे। एक बयान के अनुसार, शांति समिति के सदस्यों समेत 100 से अधिक लोग बैठक में मौजूद रहे।
दिल्ली पुलिस ने 15 दिसंबर को जामिया हिंसा को लेकर कांग्रेस के पूर्व विधायक आसिफ खान का नाम अपनी एफआईआर में आरोपी के रूप में दर्ज किया है। अधिकारियों ने बताया कि पूर्व विधायक का नाम छह अन्य आरोपियों के साथ दर्ज किया गया है। बाकी छह आरोपियों की पहचान स्थानीय नेताओं आशु खान, मुस्तफा और हैदर, एआईएसए सदस्य चंदन कुमार, एसआईओ सदस्य आसिफ तन्हा और सीवाईएसएस सदस्य कासिम उस्मानी के तौर पर की है। HighlightsDeleteEdit
खबर कर्नाटक नागरिकता निषेधाज्ञा खबर कर्नाटक नागरिकता निषेधाज्ञा सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर बेंगलुरु, मंगलुरु में निषेधाज्ञा लागू: पुलिस।
MNM नेता और बॉलीवुड अभिनेता कमल हासन ने कहा- मुझे मद्रास विवि के कैंपस अंदर नहीं जाने दिया गया। जब तक मैं जीवित हूं, तब तक छात्र हूं। मैं इन छात्रों के बचाव में यहां आया हूं। यहां होना मेरा कर्तव्य है। इससे पहले, सीलमपुर हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस हरकत में है। आज पुलिस ने मुस्तफाबाद और घोंडा इलाकों में फ्लैग मार्च निकाला। ज्वॉइंट सीपी आलोक कुमार ने इस बारे में समाचार एजेंसी ANI को बताया- हम संदेश देना चाहते हैं कि जो भी कानून व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। धारा 144 लागू कर दी गई है। फिलहाल स्थिति काबू में है।
नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध करने और जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ एकजुटता प्रदर्शन करने के लिए सावित्रीबाई फुले पुणे विश्वविद्यालय में सैकड़ों छात्रों ने बुधवार को मशाल जुलूस निकाला। पुणे जिले के बारामती से राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने ‘मशाल मोर्चा’ में भाग लिया। जुलूस के दौरान कुछ छात्रों के हाथों में तख्तियां भी थीं। कॉलेज के छात्रों और विभिन्न युवा संगठनों के सदस्यों ने इस मार्च में भाग लिया।
हाल ही में, जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और उसके आस-पास वाले इलाकों में नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ंिहसक हो गया था, जिसके बाद पुलिस ने परिसर के अंदर घुसकर छात्रों पर कार्रवाई की थी। संवाददाताओं से बात करते हुए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की नेता सुले ने रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगड़ी के उस तथाकथित बयान का जिक्र किया कि प्रदर्शन के दौरान किसी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर किसी को देखते ही गोली मार देना चाहिए।
उपन्यासकार और असम गण परिषद की पूर्व राज्यसभा सदस्य जयश्री गोस्वामी महंत ने बुधवार को कहा कि साहित्य अकादमी पुरस्कार पाने की खबर सुनकर ‘‘मैं उतनी खुश नहीं हूं जितना मुझे होना चाहिए।’’ उन्होंने पुरस्कार राशि असम में नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन में मारे गए लोगों के परिवारों के बीच बांटे जाने का वादा किया।
नागरिकता संशोधन कानून का समर्थन करने के लिए असम गण परिषद (अगप) पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि निर्वाचित लोगों के छल से उन्हें काफी धक्का लगा है क्योंकि यह कानून असम के लोगों को मंजूर नहीं है। असम के पूर्व मुख्यमंत्री और अगप के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल कुमार महंत की पत्नी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘पुरस्कार के बारे में मुझे खबर मिली लेकिन राज्य में अशांत स्थिति के कारण मैं उतनी खुश नहीं हूं जितना मुझे सुनकर होना चाहिए।’’
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहनवाज हुसैन ने बुधवार को आरोप लगाया कि जामिया मिल्लिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में हुए घटनाओं के पीछे कांग्रेस थी। उन्होंने यह भी कहा कि विवादित संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) मुस्लिम विरोधी नही है, और ‘‘किसी भी मुसलमान को भारत से बाहर नहीं किया जाएगा।’’ इस सप्ताह दो विश्वविद्यालयों में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया था।
हुसैन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस चुनावों में हार का सामना कर रही है, और इस कारण वह कानून को लेकर लोगों को गुमराह कर रही है और भ्रम पैदा कर रही है। उन्होंने दावा किया कि छात्रों के वेष में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने संकट पैदा किया।
उन्होंने कहा, ‘‘एक भाजपा प्रवक्ता के रूप में मैं कहना चाहूंगा कि किसी भी मुस्लिम को भारत से बाहर नहीं किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत में मुसलमानों को डरने की जरूरत नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि इसी तरह गृह मंत्री अमित शाह ने भी कहा है कि सीएए किसी अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ नहीं है।
पश्चिम बंगाल में बुधवार को ममता बनर्जी नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ लगातार तीसरे दिन सड़क पर उतरीं। अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल और असम में फिलहाल शांति बनी हुई है। इससे पहले मंगलवार की रात पश्चिम बंगाल के हावड़ा जिले के संकरेल इलाके में प्रदर्शनकारियों के एक समूह की तरफ से देसी बम फेंके जाने की घटना में पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी और दो अन्य कर्मी घायल हो गए थे।
वहीं, बुधवार को ही नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने 59 याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की। शीर्ष अदालत ने इस मामले में केंद्र सरकार को नोटिस भेजा है। कोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 22 जनवरी तय की है।
Citizenship Amendment Act के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे Madras University के स्टूडेंट्स से बुधवार को कमल Makkal Needhi Maiam (MNM) नेता कमल हासन मिले।
बॉलीवुड अभिनेता फरहान अख्तर ने बुधवार को कहा कि वह संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन करने के लिए सड़क पर उतरेंगे क्योंकि सिर्फ सोशल मीडिया पर गुस्सा जाहिर करने का वक्त अब निकल चुका है। अभिनेता ने ट्विटर पर कहा की बृहस्पतिवार को अगस्त क्रांति मैदान में आयोजित होने वाले विरोध प्रदर्शन में वह हिस्सा लेंगे।
फरहान ने कहा, ‘‘मुंबई में अगस्त क्रांति मैदान पर 19 दिसंबर को मिलता हूं। सिर्फ सोशल मीडिया पर विरोध करने का वक्त अब निकल चुका है।’’ अभिनेता ने संशोधित नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी की व्याख्या करने वाली एक तस्वीर भी साझा की जिसमें भारत का मानचित्र बना था। इस पर कुछ ट्विटर यूजर्स का कहना था कि यह मानचित्र गलत है।
मंगलवार को दिल्ली के सीलमपुर में हिंसक प्रदर्शन के बाद राजधानी के बृजपुरी में भी हिंसा भड़क गई। यहां बेकाबू भीड़ ने पुलिस पर पत्थरबाजी की। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा। कई घंटों की मशक्कत के बाद पुलिस हालात पर काबू पाने में सफल रही। मालूम हो कि नागरिकता संशोधन कानून को लेकर असम समेत पूर्वोत्तर से शुरू हुआ विरोध प्रदर्शन दक्षिण के राज्यों के साथ ही पश्चिम बंगाल, बिहार में भी फैल गया है।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का सम्मान करने की अपील करते हुए भारत में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन में हिंसा और सुरक्षा कर्मियों के कथित तौर पर अत्यधिक बल का इस्तेमाल करने पर चिंता जाहिर की।
संशोधित नागरिकता कानून के तहत 31 दिसम्बर 2014 तक अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान से धार्मिक प्रताड़ना के कारण भारत आए हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने का प्रावधान है।
विधेयक के इस माह संसद में पेश होने के बाद से ही देश में इसके खिलाफ प्रदर्शन शुरू हो गए थे, जिसने इसके पारित होकर कानून बनने के बाद उग्र रूप ले लिया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह ‘‘ असंवैधानिक एवं विभाजनकारी’’ कानून है।
गृह मंत्री ने कहा कि नागरिकता (संशोधन) कानून, 2019 के कारण कोई भी भारतीय अपनी नागरिकता नहीं खोएगा और यह कानून तीनों पड़ोसी देशों में अत्याचार का शिकार बने अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए बनाया गया है। शाह ने कहा कि मोदी सरकार सुनिश्चित करेगी कि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता हासिल हो और वे देश में सम्मान के साथ जी सकें।
जन अधिकार पार्टी (जैप) के अध्यक्ष राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मंगलवार को दावा किया कि स्थानीय प्रशासन ने उन्हें घर में इसलिए नजरबंद कर दिया है ताकि संशोधित नागरिकता अधिनयम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के विरोध में होने वाले प्रदर्शन में शामिल होने से उन्हें रोका जा सके। इसके बाद उन्होंने अपने घर की छत पर ही विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया। हालांकि, पटना पुलिस ने कहा कि उन्हें घर के भीतर नजरबंद नहीं किया गया बल्कि शांति बहाली और सुरक्षा के दृष्टिकोण से एहतियात के तौर पर उठाया गया एक कदम है।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हिंसा में शामिल लोगों का कपड़ों से पता चलने वाले बयान पर पलटवार करते हुए मंगलवार को कहा कि किसी व्यक्ति के राजनीतिक विचार उसके पहनावे से पता नहीं चल सकते। ममता बनर्जी ने भाजपा नीत केंद्र सरकार पर लोगों को ‘रोटी, कपड़ा और मकान’ नहीं दे पाने का आरोप लगाते हुए दावा किया कि यह सरकार एनआरसी और संशोधित नागरिकता कानून के जरिये करीब 10 लाख लोगों के अधिकार छीनने की कोशिश कर रही है।
तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति से कहा कि वह सरकार को कानून वापस लेने की सलाह दें। कानून के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न सहने वाले और 31 दिसम्बर 2014 तक आने वाले हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं बल्कि भारतीय नागरिक माना जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष पर पलटवार किया और आरोप लगाया कि कांग्रेस के ‘‘मित्र’’ झूठ फैला रहे हैं और मुस्लिमों के बीच भय पैदा कर रहे हैं। नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के बीच मोदी ने झारखंड में एक चुनावी रैली में विपक्ष को चुनौती दी कि वे घोषणा करें कि सभी पाकिस्तानियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करेंगे। मोदी ने कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को यह चुनौती भी दी कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को फिर से लागू करके और तीन तलाक कानून को समाप्त करके दिखाएं।
जामिया मिल्लिया इस्लामिया ने रविवार की रात विश्वविद्यालय परिसर के अंदर पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। विश्वविद्यालय के प्रवक्ता के मुताबिक जामिया नगर थाने के एचएचओ को शिकायत भेजी गई है जिसकी प्रति पुलिस उपायुक्त दक्षिण-पूर्व को भी भेजी गई है। विश्वविद्यालय की कुलपति ने सोमवार को कहा था कि वह अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराएंगी जो परिसर में घुसे, संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया और छात्रों का उत्पीड़न किया।
छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अन्य लोगों ने यहां मंगलवार को साबरमती आश्रम के बाहर नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। आश्रम के सामने लगभग पचास प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां लेकर प्रदर्शन किया। निर्दलीय विधायक और दलित नेता जिग्नेश मेवानी ने भी प्रदर्शन में भाग लिया। उन्होंने ट्वीट कर आरोप लगाया कि संशोधित (नागरिकता) कानून और एनआरसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह की मुस्लिमों को ‘नव-अछूत’ बनाने की योजना का हिस्सा है।
तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी डीएमके ने नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 23 दिसंबर को चेन्नई में विरोध मार्च निकालने और रैली करने का फैसला किया है।
आम आदमी पार्टी (आप) और इसके सीलमपुर से विधायक हाजी इशराक ने लोगों से शांतिपूर्वक अपना विरोध दर्ज कराने की अपील की है। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘‘मैं सभी लोगों से अपना विरोध एवं संदेश शांतिपूर्वक तरीके से दर्ज कराने की अपील करता हूं।’’ इस बीच पुलिस ने बताया कि रविवार को जामिया मिल्लिया इस्लामिया के समीप हिंसा में शामिल होने के आरोप में आपराधिक पृष्ठभूमि वाले 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने बताया कि इनमें से कोई भी छात्र नहीं है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली के लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि सभ्य समाज में हिंसा सहन नहीं की जाएगी। दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने अपने कार्यालय से जारी एक बयान में कहा कि समाज में हिंसा का कोई स्थान नहीं है और अगर नागरिकों के कुछ मुद्दे हैं तो उन्हें शांतिपूर्वक तथा लोकतांत्रिक तरीके से अपने विचार रखने चाहिए।
उत्तर प्रदेश के मथुरा में संशोधित नागरिकता अधिनियम के विरोध में सर्वदलीय मुस्लिम एक्शन कमेटी से जुड़े लोगों ने डीग गेट चौराहे पर जुलूस निकालने का प्रयास किया लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया। शहरी क्षेत्र के पुलिस उपाधीक्षक राकेश कुमार ने बताया, ‘‘खुफिया सूत्रों से मिली जानकारी के बाद शासन और जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को किसी भी चुनौती से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया था। जिसके बाद रात से ही शहर के मिश्रित आबादी वाले इलाकों में भारी संख्या में पुलिस और पीएसी तैनात कर दी गई थी।’’
पुलिस ने मंगलवार को बताया कि जामिया और उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा को देखते हुए गश्त बढ़ा दी है। इस बीच, नोएडा यातायात पुलिस ने मंगलवार शाम को कहा कि नोएडा और दिल्ली को जोड़ने वाला कालिंदी कुंज रोड बुधवार को बंद रहेगा तथा यात्रियों को वैकल्पिक मार्गों से यात्रा करने की सलाह दी गई है। उसने कहा कि दक्षिण दिल्ली में प्रदर्शनों की आशंका के मद्देनजर यह परामर्श जारी किया गया है।
राष्ट्रीय राजधानी में हिंसा की घटनाओं के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि उन्होंने दिल्ली पुलिस को राष्ट्रीय राजधानी में कानून व्यवस्था की स्थिति बनाए रखने और शांति सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं।
नये कानून के विरोध में दिल्ली तथा अन्य जगहों पर हुई ताजा झड़पों के बीच विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से केंद्र को ‘‘असंवैधानिक तथा विभाजनकारी’’ नागरिकता संशोधन कानून वापस लेने की सलाह देने का अनुरोध किया। नागरिकता कानून में संशोधन के खिलाफ कई विपक्षी दलों ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के नेतृत्व में एकजुटता दिखाई और सरकार पर लोगों की ‘‘आवाज दबाने’’ का आरोप लगाया।
उत्तर-पूर्वी दिल्ली के सीलमपुर इलाके में मंगलवार को नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ प्रदर्शन के हिंसक रूप लेने के दौरान एक स्कूल बस में बैठा छात्र, चालक की सूझबूझ के चलते बाल-बाल बच गया। दरअसल, चालक ने बस में बचे आखिरी बच्चे के माता-पिता को फोन कॉल कर निर्धारित स्थान से कुछ मीटर पहले ही बुला लिया और बच्चे को उन्हें सौंप दिया। इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने इस बस पर पथराव किया।
पुलिस ने यहां काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के छात्रों को नोटिस जारी कर उनसे नागरिकता (संशोधन) कानून के खिलाफ परिसर के बाहर मार्च नहीं निकालने को कहा है। एक अधिकारी ने बताया कि यह नोटिस आपराधिक दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारा 149 (किसी संज्ञेय अपराध को होने से रोकना) के प्रावधानों के तहत जारी किया गया है। उन्होंने बताया कि छात्रों को चेतावनी भी दी गई है कि अगर पुलिस द्वारा जारी नोटिस की अवहेलना की गई तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।