कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह तथा पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के शीर्ष नेताओं ने ‘देश की एकता के लिए सत्याग्रह’ में भाग लिया और संविधान की रक्षा करने का संकल्प लिया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर कांग्रेस के सत्याग्रह की शुरुआत वंदे मातरम से हुई और फिर सोनिया, मनमोहन और राहुल गांधी ने अंग्रेजी भाषा में संविधान की प्रस्तावना पढ़ी।
दूसरी तरफ भाजपा ने कोलकाता में नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में सड़क पर मार्च निकाला। भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा को लेकर सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधा। नड्डा ने कहा कि ममता ने प्रदर्शन के दौरान हिंसा की आलोचना भी नहीं की।
बाद में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने हिंदी और कई अन्य नेताओं ने देश की अलग अलग भाषाओं में संविधान की प्रस्तावना पढ़ी। नागरिकता संशोधन कानून और हालिया विरोध प्रदर्शनों में छात्रों पर हुए बल प्रयोग की पृष्ठभूमि में मुख्य विपक्षी दल ने सत्याग्रह का आयोजन किया। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ किसी भी प्रदर्शन में राहुल गांधी पहली बार शामिल हुए हैं। वह पिछले दिनों दक्षिण कोरिया के दौरे पर थे।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ, पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल,एके एंटनी, गुलाम नबी आजाद, केसी वेणुगोपाल, आनंद शर्मा, दिग्विजय सिंह और बड़ी संख्या में पार्टी के कार्यकर्ता भी इसमें शामिल हुए। महात्मा गांधी के समाधि स्थल राजघाट पर कांग्रेस का सत्याग्रह आरंभ होने से पहले राहुल और प्रियंका ने युवाओं, छात्रों और अन्य लोगों से इसमें शामिल होने का आह्वान किया। नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ और प्रदर्शनकारी छात्रों के समर्थन में सत्याग्रह का आयोजन किया गया है।
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