नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ असम के लोगों का विद्रोह और तेज होता जा रहा है। असम के सरकारी कर्मचारी 18 दिसंबर को हड़ताल पर रहेगे। असम सरकार कर्मचारी एसोसिएशन ने इसकी घोषणा की है। एसोसिएशन ने कहा है कि इस कानून के विरोध में सरकारी कर्मचारियों का 18 दिसंबर को काम बंद रखेंगे।

सदौ असम कर्मचारी परिषद (SAKP) के अध्यक्ष बासब कलिता ने बताया कि पूरे राज्य में राज्य सरकार के सभी कर्मचारी 18 दिसंबर को अपने कार्यालयों में नहीं जाएंगे। कानून को वापस लिए जाने तक हम इसका विरोध करेंगे।

उन्होंने कहा ‘हम इस कानून का शुरूआत से ही विरोध कर रहे हैं। इसे जब तक वापस नहीं लिया जाएगा हमारा विरोध इसी तरह जारी रहेगा। जब जेपीसी के मेंबर्स पिछले साल राज्य में इस कानून के बारे में लोगों की राय जानने के लिए आए थे, परिषद् ने आपत्ति जताई थी और साथ में ज्ञापन भी सौंपा था।

कर्मचारी ही नहीं राज्य में आंदोलन का नेतृत्व कर रहे ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन (आसू) ने असोम जातीयवादी युवा छात्र परिषद और मूल निवासियों के 30 अन्य संगठनों के साथ ब्रह्मपुत्र घाटी में अपनी विरोध बैठकें जारी रखी है। सदौ असम कर्मचारी परिषद ने आसू को 16 दिसंबर से होने वाले तीन दिनों के सत्याग्रह के लिए समर्थन दिया है। इसके अलावा परिषद ने 16 दिसंबर को राज्य में सुबह छह बजे से 36 घंटों की सामूहिक भूख हड़ताल करने का एलान किया है।

बता दें कि असम में अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन में मारे गए लोगों की संख्या बढ़ कर तीन पहुंच गई है। इस हफ्ते की शुरुआत में गुवाहाटी में प्रदर्शन के दौरान दो अन्य लोग मारे गये थे। असम में सोशल मीडिया के कथित दुरूपयोग को रोकने और शांति एवं कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए 16 दिसंबर तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहेंगी।