CAA Protest: उत्तर प्रदेश के रामपुर शहर में नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहा प्रदर्शन हिंसक हो गया। इसे नियंत्रित करने के प्रयास में पुलिस और प्रदर्शनकारियों बीच झड़प हो गई। बताया जा रहा है कि प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बेरिकेड्स तोड़े और पुलिस पर पत्थर फेंके। इसके बाद प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने लाठियां भांजी और आंसू गैस के गोले भी छोड़े। इस दौरान एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई है। यह घटना शहर के ईदगाह इलाके में हुई। बता दें कि हिसंक प्रदर्शनों को देखते हुए राज्य के कई जिलों में इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया गया है। साथ ही राज्य में दस हजार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
हिंसा में 9 लोगों की मौत: बता दें कि उत्तर प्रदेश में शुक्रवार (21 दिसंबर) को नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शनों के दौरान उत्तर प्रदेश के कई शहरों में हालात काफी बिगड़ गए। शुक्रवार (20 दिसंबर) को करीब एक दर्जन ज़िलों में हिंसा हुई है इसे देखते हुए पूरे राज्य में धारा 144 को लागू कर दिया गया है। वहीं यूपी के डीजीपी ओ पी सिंह ने मीडिया को बताया है कि शुक्रवार को हुई हिंसा में 9 लोगों की मौत हो चुकी है। शुक्रवार को कानपुर में सीएए के विरोध में लगभग चार किलोमीटर तक लंबी कतार में लोग एकत्र हो गए थे। इन्हें नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने गोलियां चलाई थी। इस दौरान सात लोग घायल हो गए।
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किसी की भी मौत पुलिस की गोली से नहीं हुई: गौरतलब है कि डीजीपी ओपी सिंह ने एक टीवी चैनल से दावा किया है कि राज्य में जितनी भी मौतें हुई है उनमें से कोई भी पुलिस के गोली से नहीं मरा है। जो भी मौतें हुई है वह प्रदर्शनकारियों के बीच क्रांस फायरिंग में हुई हैं। डीजीपी ने कहा कि इस घटना इस पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि हम न्यायिक जांच के लिए तैयार हैं।
दस हजार लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज: सीएए के खिलाफ हुए हिसंक प्रदर्शन पर योगी सरकार ने सख्त रवैया अपनाया है। पूरे राज्य में 10,000 से अधिक लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। साथ ही कुछ लोगों को सीसीटीवी में रिकॉर्ड वीडियो से पहचान कर कार्रवाई भी की गई है। बाकि अज्ञात लोगों की तलाश पुलिस कर रही है। दोषियों की संपत्ति कुर्क करने की बात भी कही जा रही है। डीजीपी ने कहा कि किसी भी सूरत में दोषी बख्शे नहीं जाएंगे।