पिता रामविलास पासवान की मौत से बेहद दुखी लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान उनकी चिता को अग्नि देने के बाद बेसुध होकर गिर पड़े। पिता रामविलास पासवान के निधन से 37 वर्षीय सांसद काफी टूट चुके हैं। चिराग कर्तव्य निष्ठ बेटे की तरह हमेशा अपने पिता की सेवा में लगे दिखाई दिए। लॉकडाउन के दौरान जब सैलून बंद थे ,चिराग अपने पिता के बाल काटते हुए भी दिखे थे।
प्रधानमंत्री मोदी जब दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने उनके दिल्ली निवास पर गये ,उस समय भी चिराग अपने आंसू नही रोक पाये । चिराग शनिवार सुबह उस समय भी बहुत रोए, जब बचपन से ही उन्हें जानने वाले भाजपा सांसद और पूर्व मंत्री रामकृपाल यादव उनके पटना स्थित घर पहुंचे। यादव की भी आंखें भर आईं और दोनों काफी देर तक एक दूसरे को पकड़कर खड़े रहे। गंगा किनारे दिघा घाट पर पिता को मुखाग्नि देने के बाद चिराग बेहोश हो गए लेकिन वहां मौजूद रिश्तेदारों ने उन्हें किसी तरह संभाला।
परिवार के एक करीबी सूत्र ने कहा, ” वह खतरे से बाहर हैं। शायद मानसिक तनाव और घंटों तक गर्म और उमस भरे मौसम में खड़े रहने के कारण ऐसा हुआ।”
स्वर्गीय पिता रामविलास पासवान के पार्थिव शरीर को मुखाग्नि देने के बाद चिराग पासवान अचेत होकर गिर पड़े. बेहद भावुक कर देने वाला यह वीडियो है. pic.twitter.com/cmdmEUNwxn
— Prakash Kumar (@kumarprakash4u) October 10, 2020
बता दें कि रामविलास पासवान बीते कई दिनों से बीमार थे और दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती थे। गुरुवार शाम में उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। पटना में रामविलास पासवान के अंतिम संस्कार के दौरान भारी संख्या में उनके शुभचिंतक और समर्थक भी मौजूद रहे। पूरे राजकीय सम्मान के साथ रामविलास पासवान का अंतिम संस्कार किया गया।
बता दें कि चिराग पासवान ने बिहार चुनाव में एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। अब ऐसे में पिता का साया सिर से उठ जाने से चिराग पासवान को काफी चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। भारतीय राजनीतिक की गहरी समझ रखने वाले रामविलास पासवान का जाना उनकी पार्टी के लिए बड़ा झटका है। माना जा रहा है कि लोजपा को बिहार चुनाव में सहानुभूति का फायदा भी मिल सकता है। हालांकि यह देखने वाली बात होगी कि लोजपा इस सहानुभूति को वोट में कितना बदल पाती है?