भारत-चीन सीमा विवाद के बीच पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में 20 भारतीय सैनिकों की शहादत के बाद केंद्र सरकार ने कई बड़े फैसले लिए। इनमें से एक बड़ा फैसला रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुख संग बैठक में लिया गया। इसके मुताबिक भारतीय सेना को चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए पूरी छूट दे दी गई। भारतीय सेना को मिली खुली छूट पर चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने प्रतिक्रिया दी है।

अखबार के प्रधान संपादक ने भारत को धमकी देते हुए कहा कि अगर भारतीय सैनिक चीनी सैनिकों के खिलाफ हथियारों का इस्तेमाल करते हैं तो सीमावर्ती क्षेत्रों में एक अलग ही तस्वीर देखने को मिलेगी। अखबार में लिखा गया, ‘मैं भारत के राष्ट्रवादियों को चेतावनी देना चाहता हूं कि अगर आपके सैनिक चीनी सैनिकों को निहत्थे संघर्ष में नहीं हरा सकते तो बंदूकें और अन्य हथियार भी उनकी मदद नहीं कर सकते। इसका कारण है कि चीन की सैन्य ताकत भारत की तुलना में बहुत अधिक उन्नत और मजबूत है।’

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संपादकीय में साल 1962 की युद्ध की याद दिलाते हुए कहा गया की आज की चीनी सेना और अर्थव्यवस्था दोनों ही भारत से ज्यादा मजबूत हैं। इसमें आगे कहा गया कि अगर गोली चलाने का आदेश सही साबित हुआ तो ताजा घटनाक्रम भारत-चीन सीमा पर दोनों सेनाओं के बीच हुए विश्वास बहाली के समझौते का गंभीर उल्लंघन होगा।

अखबार ने कहा कि अगर भारत ने चीन के साथ सीमा विवाद को मुठभेड़ या स्थानीय युद्ध में बदला तो ये अंडे के पहाड़ से टकराने जैसा होगा। संपादीय में लिखा गया कि चीन भारत को भड़काना नहीं चाहता मगर हमारे अंदर भारतीयों के किसी उकसावे वाली कार्रवाई का जवाब देने की क्षमता है। भारत के हित में है कि वो सीमा विवाद को नियंत्रण में रखे। सीमा विवादों को नियंत्रण में रखने के लिए चीन के साथ काम करना ही भारत के हित में है।