अमेरिका सरकार के कंप्यूटरों पर हमलों से जुड़ा एक चीनी हैकिंग समूह अभी भी अत्यधिक सक्रिय है और ऐसे लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है जो रणनीतिक हित के हो सकते हैं। समूह संभवत: चीन सरकार द्वारा प्रायोजित है। एक निजी अमेरिकी साइबर सुरक्षा फर्म ने अपनी एक ताजा रपट में यह बात कही है।
इस रपट में हैकिंग समूह का नाम ‘रेडगाल्फ’ बताया गया है। वहीं, अन्य सुरक्षा एजंसियों ने एपीटी 41 और बेरियम नाम के समूहों का जिक्र किया है।मैसाचुसेट्स आधारित साइबर सुरक्षा कंपनी ‘रिकार्डेड फ्यूचर’ के जोखिम अनुसंधान प्रभाग- इंसिक्ट फर्म के रणनीतिक विभाग के निदेशक जान कोंड्रा ने कहा कि ये हैकिंग समूह या तो समान हैं या बहुत निकटता से आपस में जुड़े हैं।
एपीटी 41 और बेरियम की गतिविधियों से जुड़ी पिछली रिपोर्ट और हमलों में निशाना बनाए लक्ष्यों की निगरानी के क्रम में इंसिक्ट ग्रुप ने कहा कि उसने डोमेन और बुनियादी ढांचे के एक समूह की पहचान की है, जिसका पिछले दो साल में ‘रेडगाल्फ द्वारा कई अभियानों में उपयोग किए जाने की अत्यधिक संभावना है।’
कोंड्रा ने एसोसिएटेड प्रेस के सवालों के जवाब में ईमेल में कहा, ‘हम मानते हैं कि यह गतिविधि वित्तीय लाभ के बजाय खुफिया उद्देश्यों के लिए की जा रही है।’ चीन के विदेश मंत्रालय ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि इस कंपनी ने अतीत में एक से अधिक बार तथाकथित चीनी हैकर हमलों पर गलत जानकारी दी है और उसके आरोप निराधार हैं। चीनी अधिकारियों ने राज्य प्रायोजित हैकिंग के किसी भी आरोप से लगातार इनकार किया है और वे कहते रहे हैं कि चीन खुद साइबर हमले के खतरों का सामना कर रहा है।