भारत ने 5 हजार किमी तक मार करने वाली घातक मिसाइल अग्नि-5 की फ्लाइट टेस्टिंग कर ली है। इसकी टेस्टिंग मिशन दिव्यास्त्र के तहत हुई है। वहीं भारत की बढ़ती सैन्य ताकत को देखकर चीन भी परेशान होने लगा है। हालांकि अभी तक चीन की ओर से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
पीएम मोदी ने दी शुभकामनाएं
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेशी अग्नि-5 को तैयार करने के लिए DRDO को शुभकामनाएं दी थीं। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक चीन ने अग्नि-5 की टेस्टिंग पर नजर रखने के लिए रिसर्च वैसल को भारतीय तट पर भेजा था। इससे पहले चीन का एक वैसल मालदीव में भी मौजूद है।
चीन ने भेजा जासूसी जहाज
चीनी स्पाई जहाज Xiang Yang Hong 01 चीन के किंगदाओ से 23 फरवरी को रवाना हुआ था और रविवार को यह बंगाल की खाड़ी में पहुंचा है। यह 4 हजार टन से भी ज्यादा वजनी है खबर है। जासूसी जहाज Xiang Yang Hong 01 विशाखापत्तनम के तट से महज करीब 480 किमी की दूरी पर ही है।
7 मार्च को भारत ने NOTAM या नोटिस टू एयर मिशन जारी किया था। दरअसल यह एक प्रक्रिया है, जो बंगाल की खाड़ी और भारतीय समुद्र क्षेत्र (IOR) पर टेस्टिंग करने से पहले जारी करना जरूरी होती है। इसका मकसद पड़ोसियों को परीक्षण के बारे में बताना होता है।
जानिए क्या है अग्नि-5 की खासियत
DRDO ने सोमवार को जानकारी दी कि MIRV तकनीक से स्वदेशी अग्नि-5 मिसाइल का सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। अब तक चीन के अलावा सिर्फ अमेरिका, रूस, फ्रांस और ब्रिटेन के पास ही MIRV तकनीक से मिसाइल लॉन्च करने की क्षमता थी। अग्नि-5 मिसाइल की रेंज 5000 किलोमीटर से अधिक है। यह मिसाइल परमाणु हमला करने के अलावा परंपरागत विस्फोटकों को भी लेकर जाने में सक्षम है।
चीनी रिसर्चर्स का दावा है कि अग्नि-5 मिसाइल की वास्तविक मारक क्षमता 8,000 किलोमीटर है। इसकी एक यूनिट की कीमत 50 करोड़ रुपये आंकी गई है। अग्नि-5 मिसाइल की लंबाई 17.5 मीटर है, जबकि इसका डायमीटर लगभग 2 मीटर है। यह मिसाइल 50000–56000 किलोग्राम वजनी है और इसकी रफ्तार 30,600 किलोमीटर/घंटा है।