भारत और चीन के बीच लद्दाख स्थित एलएसी पर पिछले करीब 3 महीनों से तनाव जारी है। इस बीच चीनी सेना सिर्फ उत्तर में ही नहीं, बल्कि भारत के पूर्वोत्तर के इलाकों के साथ कुछ ऐसे इलाकों के आसपास भी निर्माण कार्य कर रहा है, जो कि गैर-विवादित हैं। रिपोर्ट्स की मानें तो चीनी सेना हाल ही में हिमाचल प्रदेश के किन्नौर के पास सीमा पर सड़क का निर्माण करती देखी गई थी। किन्नौर जिले के चरांग गांव में लोगों ने चीन के इस निर्माण कार्य को देखा भी है।
बताया जा रहा है कि चीन यह सड़क तिब्बत में टैंगो और यमरंग के करीब खिमकुला पास इलाके में बना रहा है। यह दोनों जगहें भारत के चरंग और छिटकुल इलाके के करीब हैं। हाल ही में कुछ सैटेलाइट फोटोज भी सामने आई हैं। मीडिया ग्रुप इंडिया टुडे के मुताबिक, 15 जुलाई की इन फोटोज का विश्लेषण करने के बाद सामने आया है कि चीनी सेना ने तिब्बती गांव में सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया है। जिस थांग गांव में यह निर्माण कार्य किया जा रहा है, वह भारत-चीन की अंतरराष्ट्रीय सीमा से महज 30 किलोमीटर ही दूर है।
रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले साल जून तक इस लोकेशन पर कोई सड़क नहीं थी। न ही इस जगह पर पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) का कोई पोस्ट था। पहली बार इस निर्माण कार्य को आईटीबीपी के फुट पैट्रोल पर निकले जवानों ने देखा। पिछले साल ही चीनी सेना ने दिबांग गांव से इस सड़क निर्माण का कार्य शुरू किया था। यह सड़क 20 किमी तक बन भी गई थी। हालांकि, नवंबर में खराब मौसम की वजह से काम को बीच में ही रोक दिया गया था। माना जा रहा है कि कोरोनावायरस महामारी की वजह से यह निर्माण कार्य फरवरी से मई तक भी शुरू नहीं हो पाया।
जानकारी के मुताबिक, जून 2020 में चीनी सेना ने एक बार फिर इस सड़क का निर्माण शुरू किया। ताजा सैटेलाइट फोटोज के मुताबिक, जून से जुलाई के बीच पीएलए ने करीब 9 किलोमीटर रोड का निर्मा कर भी लिया है। 15 जुलाई तक यह सड़क तिब्बत के यमरंग से सिर्फ 2 किलोमीटर ही कम रह गई है।
हिमाचल के सीमा से लगे गांव में संचार व्यवस्था तक नहीं
चीन से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा के नजदीक हिमाचल के इस आखिरी- चरांग गांव में अब तक संचार की व्यवस्था भी ठीक से नहीं हो पाई है। वहीं, दूसरी तरफ चीन सड़क निर्माण कार्य में जोर-शोर से जुटा है। कुछ दिनों पहले ही इस गांव के कुछ लोग सीमा क्षेत्र के पास जुटे थे। यहीं से उन्होंने चीन की तेजी से जारी सड़क निर्माण गतिविधियों को देखा था। हालांकि, भारतीय अफसरों का कहना है कि चीन का निर्माण कार्य अपनी तरफ ही है और इससे भारत के लिए चिंता की बात नहीं है।