Lok Sabha Chunav: भारत में 18वीं लोकसभा के गठन के लिए चुनाव हो रहे हैं। अब हम बात करेंगे कि देश में 30 मुख्यमंत्री में से केवल 6 ही हैं जो अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं। इन छह में से चार ईसाई, एक सिख और एक बौद्ध है। 2011 की जनगणना के मुताबिक, देश की आबादी का 14.2 फीसदी हिस्सा होने के बावजूद इस समय कोई भी मुस्लिम सीएम नहीं है।
अल्पसंख्यक समुदाय के मुख्यमंत्री वाले दो राज्यों को छोड़कर बाकी सभी राज्यों में मुख्यमंत्री उस धार्मिक समूह से आते हैं जो राज्य स्तर पर बहुमत में है। मेघालय, मिजोरम और नागालैंड सभी में मुख्य रूप से ईसाई ज्यादा हैं और उन्होंने एक ईसाई सीएम को ही चुना है। पंजाब में सिख धर्म के लोग ज्यादा हैं। यह राज्य की आबादी का कुल 57.7 फीसदी हैं।
भगवंत मान भी एक सिख हैं और इस समय पंजाब के सीएम हैं। नागालैंड, मेघालय और मिजोरम में कभी भी कोई गैर-ईसाई मुख्यमंत्री नहीं रहा। आजादी के बाद से पंजाब में केवल तीन हिंदू मुख्यमंत्री चुने गए हैं। इनमें गोपी चंद भार्गव, भीम सेन सच्चर और राम किशन का नाम शामिल है।
रेड्डी समुदाय का आंध्र प्रदेश में काफी प्रभाव
केवल आंध्र प्रदेश और अरुणाचल प्रदेश में ही ऐसे सीएम हैं जो कम धार्मिक आबादी कम होने के बाद भी सीएम बने हुए हैं। आध्र प्रदेश में केवल 1.3 फीसदी ईसाई रहते हैं और अरुणाचल प्रदेश में केवल 11.7 फीसदी आबादी बौद्ध की है। इसके बाद भी वाईएस जगन मोहन रेड्डी एक ईसाई सीएम हैं और पेमा खांडू एक बौद्ध सीएम बने हुए हैं।
अब हम बात करें रेड्डी की तो वह एक प्रभावशाली राजनीतिक रेड्डी समुदाय से आते हैं। यह राज्य की आबादी के कुल सात फीसदी हैं। 1956 में आंध्र प्रदेश के बनने के बाद अगर सबसे ज्यादा सीएम किसी समुदाय से आए हैं तो वह केवल रेड्डी से ही हैं।
वाईएस जगन मोहन रेड्डी वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता हैं। उन्होंने इस पार्टी को 2010 में कांग्रेस पार्टी का दामन छोड़ने के बाद बनाया था। रेड्डी के पिता येदुगुरी संदिंती राजशेखर रेड्डी (YSR) राज्य के 14वें सीएम थे। वह कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीते थे। इसके बाद राज्य के सीएम बने थे। राजशेखर रेड्डी की हेलीकॉप्टर क्रैश में मौत हो गई थी। इसके बाद उनके बेटे ने पूरे राज्य में शोक यात्रा का नेतृत्व किया था। इसमें उन्होंने उन परिवारों से मुलाकात की जिन्होंने आत्महत्या की वजह से अपने परिजनों को खो दिया। कांग्रेस ने रेड्डी की यात्रा से परहेज किया। इसके बाद उन्होंने खुद अपनी पार्टी बनाई।
कॉनराड संगमा मेघालय के सीएम
कॉनराड संगमा मेघालय के सीएम हैं। वे जनवरी 2013 में अपने पिता पीए संगमा के द्वारा बनाई गई पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी में शामिल हो गए। पीए संगमा 1999 में सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर शरद पवार और तारिक अनवर के साथ कांग्रेस से अलग हो गए।
लालदुहोमा 1977 में जोरम नेशनलिस्ट पार्टी और बाद में 2018 में जोरम पीपुल्स मूवमेंट बनाने के लिए पार्टी छोड़ने से पहले कांग्रेस के पूर्व नेता भी थे। वह 1988 में दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराए जाने वाले पहले संसद सदस्य थे और बाद में उसी अधिनियम के तहत 2020 में राज्य विधानसभा से अयोग्य घोषित कर दिए गए थे। नेफ्यू रियो लगातार पांच बार मुख्यमंत्री बनने वाले इकलौते नागालैंड के मुख्यमंत्री हैं और वे यूनिवर्सिटी के छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हो गए थे।
बता दें कि वैसे तो संविधान में अल्पसंख्यक शब्द को परिभाषित नहीं किया गया है, लेकिन NCMEI अधिनियम 1993 अल्पसंख्यक दर्जे को बताया गया है। 1993 में मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध और पारसी को अल्पसंख्यक समुदाय के रूप में नामित किया गया था। वहीं, 2014 में जैन को भी इस लिस्ट में जगह मिल गई। देश में 28 राज्य और 8 केंद्रशासित प्रदेश हैं। हरेक राज्य अपना सीएम चुनता है। वहीं, केंद्रशासित प्रदेशों में राज्यपाल के द्वारा शासन चलाया जाता है। दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू -कश्मीर में संवैधानिक संशोधनों की वजह से सीएम हैं।