राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार (23 अगस्त, 2019) को कहा कि उन्हें केंद्र सरकार पर इस बात को लेकर पूरा भरोसा है कि वह आर्थिक मंदी से निपटने के लिए ठोस कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि इस संकट को हल करने में दिल्ली सरकार केंद्र की मदद करेगी। केजरीवाल के मुताबिक यह एक देश के रूप में एकजुट होकर खड़े होने तथा अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने का समय है। धीरपुर और रोहिणी में आंबेडकर विश्वविद्यालय दिल्ली (एयूडी) कैंपस के शिलान्यास समारोह के दौरान सीएम केजरीवाल ने यह बात कही। इस घटना के बाद उन्होंने प्रत्रकारों के बीच भी अपनी बात दोहराई।
ऑटो सेक्टर, चाय के कारोबार, कपड़ा उद्योग और अन्य सेक्टरों में आर्थिक मंदी और बड़े पैमाने में नौकरी जाने की रिपोर्ट्स आने पर उन्होंने चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, मुझे खुशी इस बात की है कि केंद्र सरकार भी इस बारे में चिंतित है। क्योंकि मैंने अखबारों में पढ़ा है कि नीति आयोग के जो वाइस चेयरमैन हैं उनका भी बयान आया है कि अर्थव्यवस्था में काफी मंदी है। मैं उम्मीद करता हूं और मुझे पूरा विश्वास है कि केंद्र सरकार आने वाले दिनों में आर्थिक नरमी को लेकर ठोस कदम उठाएगी। यह ऐसा समय है जब देश को एक साथ खड़ा होने तथा अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने की जरूरत है। केंद्र सरकार अर्थव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिये जो भी कदम उठाएगी, दिल्ली सरकार उसे पूरा समर्थन देगी। मैं नौकरियों के नुकसान को लेकर निजी तौर पर चिंतित हूं।’
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उन्होंने कहा, ‘यह गंभीर चिंता का विषय है, ऑटो सेक्टर, कपड़ा क्षेत्र, रीयल एस्टेट और अन्य ऐसे क्षेत्र जिनमें नरमी का असर अधिक है।’ कार्यक्रम में मौजूद उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी मौजूद थे। जिन्होंने हर साल पास करने वाले 2.5 छात्रों के लिए और विश्वविद्यालय बनाए जाने पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने दिल्ली सरकार के उस एक्ट की कड़ी आलोचना जो संबद्ध विश्वविद्यालयों के गठन पर रोक लगाता है।
उन्होंने कहा, ‘एक समय रहा होगा जब 2,000 छात्र पासआउट होते थे। अब जब 2.5 लाख छात्र पासआउट हो रहे है तो इस तरह के कानून की क्या जररुत। हम कानून को फॉलो क्यों कर रहे हैंय़’ उन्होंने चिंता व्यक्त की कि एक्ट के चलते कई छात्रों को सीटें नहीं मिल पा रही हैं।

