जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) से निष्कासित विधायक धर्मजीत सिंह रविवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। राज्य में भाजपा मुख्यालय कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में आयोजित एक समारोह के दौरान सिंह के साथ भारतीय वन सेवा (IFS) के पूर्व अधिकारी एसएसडी बडगैया भी भाजपा में शामिल हुए। राज्य में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं।

इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया, भाजपा की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अरुण साव, पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह और पार्टी के अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। धर्मजीत सिंह के बीजेपी में शामिल होने को, चुनाव के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है। साव ने पार्टी में शामिल होने वाले नेताओं का स्वागत करते हुए कहा कि विभिन्न दलों और समाज के विभिन्न वर्ग के लोग भाजपा में शामिल हो रहे हैं, जिससे साफ है कि राज्य में बदलाव की हवा चल रही है और नवंबर के बाद छत्तीसगढ़ में ‘कमल’ खिलेगा। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता कांग्रेस के कुशासन से तंग आ चुकी है और अब पूरे विश्वास के साथ भाजपा की ओर देख रही है।

चार बार विधायक रह चुके हैं धर्मजीत

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि हम सभी मिलकर छत्तीसगढ़ को बचाने के लिए काम करेंगे। लोरमी विधानसभा सीट से चार बार के विधायक धर्मजीत सिंह बिलासपुर संभाग में एक मजबूत और लोकप्रिय नेता माने जाते हैं। वह पहली बार 1998 में लोरमी सीट से कांग्रेस के टिकट पर विधायक चुने गये थे। इसके बाद उन्होंने 2003 और 2008 में दो बार विधानसभा चुनाव जीते। 2013 का विधानसभा चुनाव वह भाजपा उम्मीदवार से हार गए थे। बाद में वह पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जेसीसी (जे) में शामिल हो गए थे।

अजीत जोगी ने 2016 में कांग्रेस से अलग होने के बाद अपना संगठन जेसीसी (जे) बनाया था। 2018 के विधानसभा चुनाव में सिंह ने जेसीसी (जे) के टिकट पर लोरमी सीट से चुनाव लड़ा था। सितंबर 2022 में, जेसीसी (जे) ने सिंह को यह दावा करते हुए पार्टी से निष्कासित कर दिया था कि उन्होंने अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदायों के हितों की अनदेखी की और पार्टी के संस्थापक दिवंगत अजीत जोगी के निर्धारित सिद्धांतों के खिलाफ काम किया है।

लोरमी से चुनाव मैदान में उतार सकती है भाजपा

माना जा रहा है कि भाजपा सिंह को लोरमी से चुनाव मैदान में उतार सकती है। 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने राज्य की कुल 90 सीटों में से 68 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि भाजपा 15 सीटों पर दूसरे नंबर पर थी। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की पार्टी जेसीसी (जे) को पांच सीटें और उसकी सहयोगी बसपा को दो सीटें मिली थीं। कांग्रेस के पास वर्तमान में 71 सीटें हैं।