हाल ही में छत्तीसगढ़ सरकार के जनसंपर्क विभाग ने राजधानी रायपुर और बिलासपुर में विशाल होर्डिंग लगवाए थे। ये होर्डिंग सुप्रीम कोर्ट के चीफ ​जस्टिस दीपक मिश्रा के स्वागत में लगवाए गए थे। लेकिन इन होर्डिंग पर विवाद बढ़ता देखकर तमाम होर्डिंग हटा दिए गए हैं। होर्डिंग हटाने का फैसला कथित तौर पर न्यायिक अधिकारियों के बीच बढ़ती काना-फूसी को देखते हुए लिए गया है। वैसे बता दें कि चीफ जस्टिस 25 अगस्त को कई कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए छत्तीसगढ़ आ रहे हैं।

द स्क्रॉल में प्रकाशित खबर के मुताबिक, चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा के स्वागत वाली होर्डिंग राजधानी रायपुर के तेलीबंधा इलाके में लगी देखी गई थी। बाद में एक स्थानीय पत्रकार ने बताया कि ये होर्डिंग कम से कम तीन दिन पहले लगाईं गईं थीं लेकिन बाद में इन्हें गुरुवार (23 अगस्त) की शाम को हटा लिया गया। वहीं बिलासपुर में ये होर्डिंग हाई कोर्ट और जज निवास के पास लगाए गए थे।

हालांकि किसी जज के आगमन पर उसके स्वागत में कोर्ट परिसर और उसके आसपास की इमारतों पर पोस्टर लगवाना वकीलों के संगठनों के लिए बेहद आम है। लेकिन इस मामले में राज्य सरकार के जनसंपर्क विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के सबसे वरिष्ठ जज के स्वागत में ये होर्डिंग लगवाए हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट पहले भी होर्डिंग संस्कृति पर आपत्ति जता चुका है। तमिलनाडु जैसे राज्य में न्यायपालिका ने पब्लिक को असुविधा पहुंचाने वाले होर्डिंग को प्रतिबंधित करने के आदेश दिए थे। द स्क्रॉल के मुताबिक, इनमें से कुछ होर्डिंग को न्यायिक बिरादरी में विवाद का विषय बनने के बाद हटा दिया गया है। हालांकि द स्क्रॉल का दावा है कि कई बार अधिकारियों से बात करने के प्रयास भी उनसे संपर्क नहीं हो सका है।