छत्तीसगढ़ के गरियाबंद में नक्सलियों के साथ सुरक्षाबलों की मुठभेड़ हुई। इसमें सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता हाथ लगी है। अभी तक 10 नक्सलियों को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया है। रायपुर रेंज के आईजी अमरेश मिश्रा ने कहा कि गरियाबंद में सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई और काफी देर तक रुक-रुक कर गोलीबारी होती रही। वहीं केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि मार्च 2026 के पहले नक्सलियों का खात्मा हो जाएगा।

31 मार्च से पहले लाल आतंक का समूल नाश निश्चित- अमित शाह

नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन को लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने X पर एक पोस्ट में कहा, “नक्सलियों के विरुद्ध हमारे सुरक्षा बलों ने आज एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है। छत्तीसगढ़ में CRPF की कोबरा कमांडो, छत्तीसगढ़ पुलिस और DRG ने जॉइंट ऑपरेशन चलाकर ₹1 करोड़ के इनामी सीसीएम मोडेम बालकृष्णा उर्फ मनोज सहित 10 कुख्यात नक्सलियों को मारा गिराया है। समय रहते बचे-खुचे नक्सली भी आत्मसमर्पण कर दें। आगामी 31 मार्च से पहले लाल आतंक का समूल नाश निश्चित है।”

एक करोड़ का इनामी ढेर

इस एनकाउंटर में एक करोड़ का इनामी मनोज उर्फ मोडेम बालकृष्ण भी मारा गया। उस पर एक करोड़ रुपये का इनाम घोषित था और इसे सुरक्षा बलों के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है। सुरक्षा बलों को खुफिया जानकारी मिली थी कि बालकृष्ण गरियाबंद में ही मौजूद है और इसके बाद बुधवार को ही ऑपरेशन शुरू हो गया था।

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कौन था बालकृष्ण?

बालकृष्ण नक्सलियों का शीर्ष नेता था और उस पर कई गंभीर आरोप थे। इसमें हत्या, लूट और पुलिस पर हमला भी शामिल था। माना जा रहा है कि बालकृष्ण की मौत नक्सलियों के लिए बड़ा झटका है। ऑपरेशन में छत्तीसगढ़ पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा बटालियन की टीम शामिल थी और सभी ने संयुक्त रूप से ऑपरेशन को अंजाम दिया।

जिस गरियाबंद इलाके में मुठभेड़ हुई, वह नक्सलियों का गढ़ माना जाता रहा है। यहां पर सुरक्षाबल और नक्सलियों के बीच कई मुठभेड़ हो चुकी है। हालांकि पिछले कुछ समय से नक्सलियों के खिलाफ यहां पर लगातार ऑपरेशन चल रहे हैं और कई टॉप नक्सल कमांडर भी मारे गए हैं।